नैनो डीएपी एक नैनो-स्तरीय तरल खाद है जो पौधों को बेहतर पोषण प्रदान करती है और फसल उत्पादन में वृद्धि करती है. यह पर्यावरण के अनुकूल है और पारंपरिक डीएपी की तुलना में अधिक किफायती है.
नैनो डीएपी एक तरल खाद है जो नाइट्रोजन और फॉस्फोरस के नैनोकणों से बनी होती है. ये पौधों को पोषण देकर उनकी ग्रोथ को तेज करती है. इसका कण आकार 100 नैनोमीटर से छोटा होता है, जो पौधों की सतह और छिद्रों के माध्यम से आसानी से अवशोषित हो जाता है. नैनो डीएपी पर्यावरण के अनुकूल है. ये मिट्टी को बंजर होने से बचाने के साथ-साथ जल और वायु प्रदूषण को भी कम करने में सहायक है. इसका उपयोग किसानों को उनकी फसलों की गुणवत्ता में सुधार के साथ पर्यावरण संरक्षण का लाभ देता है.
नैनो डीएपी का उपयोग बीज उपचार, जड़ और कंद उपचार के अलावा पत्तों पर छिड़काव के लिए किया जाता है. इसके इस्तेमाल से फसल की पैदावार बढ़ती है और उनकी गुणवत्ता बेहतर होती है. नैनो डीएपी की बोतल छोटी और हल्की होती है, जिससे इसे कहीं भी ले जाना और स्टोर करना आसान होता है. पारंपरिक डीएपी की तुलना में नैनो डीएपी सस्ती है. किसानों को 1,350 रुपये में डीएपी खरीदनी पड़ती है, जबकि नैनो डीएपी केवल ₹600 में उपलब्ध है. 600 एमएल नैनो डीएपी से अच्छी फसल उत्पादन सुनिश्चित हो सकता है, जिससे यह आर्थिक रूप से भी फायदेमंद है. कृषि अधिकारियों ने किसानों को नैनो डीएपी अपनाने की सलाह दी है. बहराइच के कई किसानों ने इसका उपयोग किया है और अब वे इसे नियमित रूप से अपना रहे हैं. अधिकारियों का कहना है कि नैनो डीएपी को एक बार अपनाने के बाद किसान इसे बार-बार उपयोग करना पसंद करेंगे
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