दिल्ली में लोहड़ी पर जरूर जाएँ ये 9 इतिहास गुरुद्वारे

धर्म समाचार

दिल्ली में लोहड़ी पर जरूर जाएँ ये 9 इतिहास गुरुद्वारे
गुरुद्वारेदिल्लीलोहड़ी
  • 📰 News Nation
  • ⏱ Reading Time:
  • 137 sec. here
  • 9 min. at publisher
  • 📊 Quality Score:
  • News: 75%
  • Publisher: 51%

दिल्ली के खूबसूरत और ऐतिहासिक गुरुद्वारों के बारे में जानें

दिल्ली खाने और खरीदारी के लिए प्रसिद्ध है, लेकिन यह ऐतिहासिक इमारतों, धार्मिक स्थलों और मंदिरों का भी घर है। आज हम दिल्ली के सिख धर्म के धार्मिक स्थलों के बारे में बात करने जा रहे हैं। क्या आप जानते हैं कि दिल्ली में कितने ऐतिहासिक गुरुद्वारे हैं? लोहड़ी मनाने के लिए दिल्ली में सबसे बेहतरीन जगह कौन सी है? अगर नहीं, तो यहाँ आपको सभी प्रश्नों का उत्तर मिलेगा। आइए जानते हैं। दिल्ली में मुख्य रूप से 9 गुरुद्वारे प्रसिद्ध हैं। इसके अलावा भी कई गुरुद्वारे हैं जहां आप मत्था टेकने जा सकते हैं। लेकिन

अगर लोहड़ी की बात करें तो आज के दिन इन 9 गुरुद्वारों में जाना चाहिए। क्योंकि यहाँ का धार्मिक माहौल और खूबसूरत सजावट आपका मन मोह लेगी। गुरुद्वारा बंगला साहिब को सिख जनरल सरदार भगेल सिंह ने 1783 में बनाया था। माना जाता है कि यह गुरुद्वारा पहले जयपुर के महाराजा जय सिंह का बंगला था। यहाँ सिखों के आठवें गुरु हर किशन सिंह रहा करते थे।\ गुरुद्वारा शीशगंज साहिब भी दिल्ली के प्रमुख गुरुद्वारों में से एक है। इसे 1783 में बघेल सिंह (पंजाब छावनी में सैन्य जनरल) ने बनवाया था। यह नौवें सिख गुरु - गुरु तेग बहादुर की शहादत स्थल है। पुरानी दिल्ली के चंडी चौक इलाके में यह बना हुआ है। गुरुद्वारा रकाब गंज साहिब गुरु तेग बहादुर जी उर्फ 'हिंद दी चादर' या 'द शील्ड ऑफ इंडिया' 1675 में कश्मीरी पंडितों की रक्षा करते हुए मारे गए। औरंगजेब ने इस्लाम में परिवर्तित होने से इनकार करने के लिए उनका सिर कलम कर दिया। उनके शिष्यों ने उनके सिर रहित शरीर का अंतिम संस्कार करने के लिए अपना घर जला दिया, जहां अब गुरुद्वारा रकाब गंज है। उनका सिर उनके पुत्र गुरु गोबिंद सिंह जी के पास ले जाया गया था। गुरुद्वारा माता सुंदरी पर भी आप लोहड़ी वाले दिन जा सकते हैं। यह गुरु गोबिंद सिंह जी की पत्नी के नाम पर बना है। यहीं माता सुंदरी जी ने 1747 में अंतिम सांस ली थी। उन्होंने 40 वर्षों तक अपने अनुयायियों की देखभाल की थी। गुरुद्वारा बाला साहिब दिल्ली का गुरुद्वारा बाला साहिब भी काफी प्रसिद्ध है। यह गुरुद्वारा माता सुंदरी और सिखों के 8वें गुरु, गुरु हरकृष्ण सिंह जी का क्रीमेशन ग्राउंड है। ऐसा कहा जाता है कि उनके उपचार स्पर्श ने लोगों को दिल्ली के हैजा से बचाया था। गुरुद्वारा मोती बाग गुरुद्वारा मोती बाग की भी काफी मान्यता है। सन् 1707 में जब गुरु गोबिंद सिंह जी पहली बार दिल्ली आए, तब वह और उनकी सेना गुरुद्वारा मोती बाग साहिब में ही रुके थे। यह गुरुद्वारा शुद्ध सफेद संगमरमर से बना हुआ है। गुरुद्वारा दमदमा साहिब दिल्ली में हुमायूं के मकबरे के पास गुरुद्वारा दमदमा साहिब बना हुआ है। यह 10वें गुरु, गुरु गोबिंद सिंह जी को श्रद्धांजलि स्थल है। इसे गुरुद्वारा 1783 में सरदार बघेल सिंह जी ने बनवाया था। बाद में महाराजा रणजीत सिंह के शासन में इसका पुनर्निर्माण कराया गया। गुरुद्वारा मजनू का टीला दिल्ली में बने गुरुद्वारा मजनू का टीला को लेकर भी कई मान्यताएं हैं। ऐसा बताया जाता है कि अब्दुल्ला मजनू जब 1505 में गुरु नानक देव जी से मिला थे, तब वह भगवान के नाम पर लोगों को यमुना नदी के पार नि: शुल्क ले जाते थे, इसी बात ने गुरु नानक जी के दिल को छू लिया। उन्होंने टीले में रहने का फैसला किया था। गुरुद्वारा नानक प्याऊ साहिब दिल्ली में आप गुरुद्वारा नानक प्याऊ साहिब भी जा सकते हैं। यहां सिख धर्म के संस्थापक, गुरु नानक देव जी ने 1505 में साथी यात्रियों और राहगीरों को उपदेश देते हुए मुफ्त भोजन और पानी परोसने वाले एक बगीचे में डेरा डाला। बगीचे के मालिक ने उस स्थान को पवित्र महसूस किया और वहां एक गुरुद्वारा स्थापित किया, जिसे मूल रूप से प्याऊ साहिब कहा जाता है। (Disclaimer: यह जानकारी मीडिया रिपोर्ट्स पर आधारित है। News Nation इसकी पुष्टि नहीं करता है.

हमने इस समाचार को संक्षेप में प्रस्तुत किया है ताकि आप इसे तुरंत पढ़ सकें। यदि आप समाचार में रुचि रखते हैं, तो आप पूरा पाठ यहां पढ़ सकते हैं। और पढो:

News Nation /  🏆 15. in İN

गुरुद्वारे दिल्ली लोहड़ी सिख धर्म इतिहास

इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें

Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।

Lohri 2025: लोहड़ी पर अग्नि में जरूर डालें ये 3 चीजें, हमेशा बनी रहेगी सुख-समृद्धिLohri 2025: लोहड़ी पर अग्नि में जरूर डालें ये 3 चीजें, हमेशा बनी रहेगी सुख-समृद्धिLohri 2025 Date and Time: लोहड़ी की अग्नि में कुछ विशेष वस्तुएं अर्पित करना शुभ माना जाता है. आइए जानते हैं इन वस्तुओं और उनके महत्व के बारे में.
और पढो »

पुरानी दिल्ली में भाजपा का इतिहासपुरानी दिल्ली में भाजपा का इतिहासयह लेख दिल्ली के पुरानी दिल्ली इलाके में भाजपा के राजनीतिक इतिहास पर केंद्रित है। यह पार्टी के शुरुआती दिनों से लेकर हालिया चुनावों तक की जानकारी प्रदान करता है।
और पढो »

ठंडी में जरूर खाएं ये पांच हरी सब्जियां, चमक चेहरा जाएगाठंडी में जरूर खाएं ये पांच हरी सब्जियां, चमक चेहरा जाएगाठंडी में जरूर खाएं ये पांच हरी सब्जियां, चमक चेहरा जाएगा
और पढो »

चौराहे पर ये टोटके करें नया साल शुरू करने के लिए!चौराहे पर ये टोटके करें नया साल शुरू करने के लिए!नए साल में खुशियों और सफलता का वास लाने के लिए चौराहे पर ये आसान टोटके आज रात जरूर करें!
और पढो »

दिल्ली में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख पर पुस्तक लॉन्चदिल्ली में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख पर पुस्तक लॉन्चकेंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह ने दिल्ली में जम्मू-कश्मीर और लद्दाख थ्रू द एजेस पुस्तक लॉन्च की। उन्होंने कश्मीर के इतिहास और भारत के एकीकरण पर बात की.
और पढो »

नई दिल्ली विधानसभा सीट का इतिहासनई दिल्ली विधानसभा सीट का इतिहासनई दिल्ली विधानसभा सीट का इतिहास और यहां से खड़े होने वाले नेताओं को समझें। यह दिल्ली विधानसभा की 70 सीटों में से सबसे महत्वपूर्ण सीटों में से एक है।
और पढो »



Render Time: 2025-04-23 22:21:42