एक खरब टन की जमी हुई बर्फ़ का एक विशाल आइसबर्ग 35 सालों बाद सफ़र पर निकल चुका है. इस हफ़्ते दुनिया जहान में हम यह समझने की कोशिश करेंगे कि दुनिया के सबसे बड़े हिमखंड से हम क्या जान सकते हैं?
एक विशाल आइसबर्ग यानि हिमखंड सफ़र पर निकल चुका है. इसे ए23ए के नाम से जाना जाता है. यह कोई मामूली हिमखंड नहीं बल्कि दुनिया का सबसे बड़ा हिमखंड है.
लोकसभा चुनाव 2024: कांग्रेस में नई जान फूंकने वाले राहुल गांधी क्या उसे सत्ता की दहलीज़ तक पहुंचा पाएंगेप्रशांत किशोर बीजेपी के 300 से ज़्यादा सीट जीतने के अपने दावे पर अब क्या सोचते हैंदिल्ली से दोगुना बड़ा ये विशाल हिमखंड 30 साल बाद अपनी जगह से खिसक रहा है, क्या कोई ख़तरा है?मैसेच्यूसेट्स स्थित वुड्स होल ओशनोग्राफ़िक इंस्टीट्यूशन में ग्लेसियोलॉजिस्ट यानि हिमनद वैज्ञानिक डॉक्टर कैथरिन वाकर बताती हैं कि दरअसल आइसबर्ग या हिमखंड बर्फ़ का एक विशाल टुकड़ा होता है जो पृथ्वी की दक्षिणी आइस शीट यानि...
जब अंटार्कटिका के आइस शेल्फ़ के किनारे पतले हो जाते हैं तो वो टूट कर बिखरते हैं और पानी में तैरने लगते हैं. मगर यह टूटे हुए आइस शेल्फ़ पिघलते और जमते रहते हैं और अंटार्कटिका की आइस शीट के इर्द-गिर्द एक बाड़ का काम करते हैं जिसकी वजह से वो समुद्र के गर्म पानी से बचा रहता है. कुछ हिमखंड छोटे होते हैं लेकिन कुछ किसी बड़े शहर से भी बड़े होते हैं. कई छोटे हिमखंड जहाज़ों के लिए ख़तरा बन जाते हैं क्योंकि वो आसानी से दिखाई नहीं देते. इन हिमखंडों पर हवा और समंदर की धार या करंट का असर पड़ता है.
सिर्फ़ बड़े हिमखंडों को ही आधिकारिक तौर पर अमेरिका के आइस सेंटर द्वारा नाम दिया जाता है. A23a के नाम का पहला अक्षर A23 दरअसल अंटार्कटिका के उस हिस्से को दर्शाता है जो अंटार्कटिका और वेडेल प्रायद्वीप क्षेत्र के बीच स्थित है. “जैसे जैसे हिमखंड पिघलते हैं उनके भीतर से कई पोषक तत्व और खनिज समुद्र के पानी में घुलते हैं जो समुद्री पौधों के फलने फूलने में खाद का काम करते हैं. इन पौधों पर छोटी मछलियां पलती हैं जो बड़ी मछलियों का आहार बनती हैं. इसलिए हिमखंडों के इर्द-गिर्द पानी पर तैरने वाले कई पौधे और शैवाल पलते हैं और पक्षियों के लिए भी यह बेहद अनुकूल साबित होता है. यानि समुद्री जीवन के तेज़ी से फलने-फूलने में हिमखंड काफ़ी मददगार साबित होते हैं.
यानि पर्यावरण में कार्बन को कम करने में भी हिमखंडों की भूमिका है. वो कितना कार्बन सोखते हैं यह जानने के लिए वैज्ञानिक शोध हो रहे हैं. “छोटे और बड़े हिमखंडों का टूट कर अलग होना जलवायु परिवर्तन के संकेत देता है. मगर हिमखंडों के समुद्र के गर्म पानी में पहुंच कर पिघलने से विश्व में समुद्र का जलस्तर नहीं बढ़ता क्योंकि हिमखंड में उतना ही ताज़ा पानी जमा रहता है जितना उसके समुद्र में पहुंचने के सफ़र के दौरान समुद्र से खारा पानी विस्थापित होता है.”
इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें
Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।
ये है दुनिया का सबसे बड़ा आइसक्रीम कोन, 10 फीट लंबा और एक टन का वजननार्वे में बने दुनिया के सबसे बड़े आइसक्रीम का वीडियो वायरल
और पढो »
दुनिया के 10 सबसे सुरक्षित देश, क्या लिस्ट में है भारत?दुनिया के 10 सबसे सुरक्षित देश, क्या लिस्ट में है भारत?
और पढो »
Loksabha Election 2024 Result: अकेले के दम पर क्यों बहुमत से चकू गई बीजेपी, ये हैं 5 बड़े कारणLoksabha Result 2024 Analysis: दुनिया के सबसे बड़े लोकतंत्र के सबसे बड़े चुनाव में जनता ने एक बार Watch video on ZeeNews Hindi
और पढो »
रूस के ख़िलाफ़ जंग में यूक्रेन की अब क्या है हालत, अमेरिकी हथियार कितनी कर पाएंगे मदद?इस सप्ताह हम दुनिया जहान में यही जानने की कोशिश करेंगे कि अगर वक़्त रहते यूक्रेन को अमेरिकी हथियार मिल गए तो क्या वो रूस को जवाब दे पाएगा?
और पढो »
एक रात रुकने का खर्च 36 लाख, ये हैं दुनिया के सबसे महंगे होटलएक रात रुकने का खर्च 36 लाख, ये हैं दुनिया के सबसे महंगे होटल
और पढो »
ये हैं दुनिया के 10 सबसे खतरनाक वायरसये हैं दुनिया के 10 सबसे खतरनाक वायरस
और पढो »