Supreme Court सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को ओबीसी आरक्षण से जुड़े एक मामले की सुनवाई करते हुए अहम टिप्पणी की। कोर्ट ने बंगाल सरकार की दलील पर कहा कि धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं दिया जा सकता। शीर्ष अदालत ने वकीलों से मामले का अवलोकन करने को कहा और कहा कि वह सात जनवरी को विस्तृत दलीलें सुनेगी। पढ़ें क्या है पूरा...
पीटीआई, नई दिल्ली। सुप्रीम कोर्ट ने सोमवार को कहा कि धर्म के आधार पर आरक्षण नहीं दिया जा सकता। शीर्ष अदालत ने कलकत्ता हाई कोर्ट के उस फैसले को चुनौती देने वाली याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए यह बात कही, जिसमें बंगाल में 2010 से कई जातियों को दिया गया ओबीसी का दर्जा रद कर दिया गया था। हाई कोर्ट के 22 मई के फैसले को चुनौती देने वाली बंगाल सरकार की याचिका सहित सभी याचिकाएं जस्टिस बीआर गवई और केवी विश्वनाथन की पीठ के समक्ष सुनवाई के लिए आईं। जस्टिस गवई ने कहा कि आरक्षण धर्म के आधार पर नहीं हो सकता।...
था। हाई कोर्ट ने कहा था कि वास्तव में इन समुदायों को ओबीसी घोषित करने के लिए धर्म ही एकमात्र मानदंड प्रतीत हो रहा है। हाई कोर्ट ने 77 वर्गों का आरक्षण किया था रद मुसलमानों के 77 वर्गों को पिछड़ों के रूप में चुना जाना समग्र रूप से मुस्लिम समुदाय का अपमान है। हाई कोर्ट ने कुल मिलाकर अप्रैल, 2010 और सितंबर, 2010 के बीच 77 वर्गों को दिए गए आरक्षण को रद कर दिया था। उसने बंगाल पिछड़ा वर्ग अधिनियम, 2012 के तहत ओबीसी के रूप में आरक्षण के लिए 37 वर्गों को भी रद कर दिया। सोमवार को सुनवाई के दौरान शीर्ष...
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