भारत में कम उत्पादन की सबसे बड़ी वजह है, धान की फसल में लगने वाले कीट व रोगों का सही समय पर नियंत्रण नहीं होना है. ऐसा ही एक रोग टंग्रो वायरस, जो धान की फसल में तेजी से फैलती है और पूरी फसल को चपेट में ले लेता है. जिसका सीधा असर उत्पादन पर पड़ता है.
कृषि विज्ञान केंद्र नियामतपुर में तैनात पादप सुरक्षा रोग एक्सपर्ट डॉ. नूतन वर्मा ने Local18 को बताया कि टंग्रो वायरस चपेट में आने से पौधे बौने रह जाते हैं. कल्लों की संख्या कम हो जाती है. बाली कम आती है, जो बालियां आती हैं, उनमें दाने कम रहते हैं. ऐसे में जरूरी है कि इस वायरस की रोकथाम कर की जाए, अन्यथा इसका उत्पादन पर सीधा असर पड़ेगा, जिससे किसानों को भारी नुकसान होगा. किसान रोग का प्रसार रोकने के लिए देसी जुगाड़ भी अपना सकते हैं. डॉ.
नूतन वर्मा ने आगे बताया टंग्रो वायरस की रोकथाम के लिए किसान देसी जुगाड़ भी अपना सकते हैं. जिसमें बिना कोई खास पैसा खर्च किए किसान इस खतरनाक वायरस से फसल को बचा सकते हैं. डॉ नूतन वर्मा ने बताया कि किसान धान की फसल में पीला बल्ब लगा दें, क्योंकि हरा फुदका प्रकाश को देखकर आकर्षित को होता है. बल्ब के नीचे टब में पानी डालकर उसमें इमिडाक्लोप्रिड नाम का कीटनाशक डाल दें. बल्ब की ओर आने वाले कीट टब में गिरेंगे और मर जाएंगे. ऐसा करने से टंग्रो वायरस का प्रसार रुक जाएगा. डॉ.
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