Prayagraj Sangam में नए साल की शुरुआत करना आध्यात्मिक शुद्धि और पवित्रता का प्रतीक है. गंगा आरती, भजन-कीर्तन और प्रार्थना लोगों को आत्मिक शांति और सुख-समृद्धि की कामना करने का अवसर प्रदान करते हैं.
अगर आप इस बार नए साल को केवल जश्न का नहीं, बल्कि एक यादगार और आध्यात्मिक अनुभव का हिस्सा बनाना चाहते हैं, तो संगम का सफर आपके लिए सबसे बेहतरीन साबित हो सकता है. गंगा, यमुना और सरस्वती के संगम ( Prayagraj Sangam ) में डुबकी लगाकर नए साल की शुरुआत करना आध्यात्मिक शुद्धि और पवित्रता का प्रतीक है. ये परंपरा लोगों को अपने पुराने पापों से मुक्त होकर नए साल की सकारात्मक शुरुआत करने की प्रेरणा देती है. संगम पर गंगा आरती का दिव्य अनुभव आत्मिक शांति प्रदान करता है.
भजन-कीर्तन और प्रार्थना के माध्यम से लोग ईश्वर से अपने जीवन में सुख-समृद्धि और शांति की कामना करते हैं. ये स्थान आस्था और आध्यात्मिकता के लिए विशेष महत्व रखता है. संगम का वातावरण नववर्ष (New Year 2025) के समय बेहद मनमोहक होता है. सुबह के समय सूरज की पहली किरणें जब संगम के पवित्र जल पर पड़ती हैं, तो ये दृश्य बेहद ही खूबसूरत और शांतिदायक लगता है. ये स्थान प्रकृति प्रेमियों के लिए खास आकर्षण का केंद्र है. संगम पर नववर्ष के अवसर पर विशेष पूजा-अर्चना और सांस्कृतिक कार्यक्रमों का आयोजन होता है. ये भारतीय संस्कृति, परंपराओं और आध्यात्मिकता को करीब से अनुभव करने का अवसर प्रदान करता है, जो इसे और भी खास बनाता है. संगम पर हर साल बड़ी संख्या में लोग एकत्रित होते हैं. ये स्थान सामूहिकता, सौहार्द और परिवार के साथ समय बिताने के लिए एक आदर्श जगह है. परिवार के साथ संगम पर समय बिताना रिश्तों में मजबूती और नई ऊर्जा भरता है
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