प्रयागराज में 13 जनवरी से 26 फरवरी तक महाकुंभ का आयोजन होगा। इस पवित्र आयोजन का विशेष महत्व है और ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार, गुरु वृषभ राशि और सूर्य मकर राशि में होने वाली स्थिति के कारण महाकुंभ का आयोजन 12 साल में एक बार होता है। महाकुंभ में स्नान करने से सभी तरह के पापों से मुक्ति मिल जाती है और सतगति सुनिश्चित होती है।
श्रीनगर गढ़वाल. उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 13 जनवरी से 26 फरवरी तक महाकुंभ का आयोजन होना है. हिंदू धर्म में महाकुंभ का विशेष महत्व है. देश-दुनिया से करोड़ों की संख्या में भक्त प्रयागराज महाकुंभ में पहुंचते हैं. प्रयागराज में सरस्वती और यमुना के पवित्र संगम तट पर महाकुंभ का आयोजन होता है और यहां स्नान करने का विशेष महत्व है.
कई वर्षों में बनता है कुंभ का ऐसा अद्भुत योग उन्होंने बताया कि जिस प्रकार उत्तराखंड में संक्रांति से संक्रांति तक का महीना माना जाता है लेकिन देश में बाकी जगह पूर्णिमा से पूर्णिमा चंद्र मास माना जाता है. सौर मास और चंद्र मास दोनों अलग-अलग होते हैं, पर इस बार दोनों एक ही दिन से शुरू हो रहे हैं और एक ही दिन खत्म हो रहे हैं. यही वजह है कि इस बार कुंभ का अद्भुत योग बन रहा है. ऐसा कई वर्षों में एक बार होता है, इसलिए इस बार काफी संख्या में सनातन धर्म के अनुयायी वहां पहुंचेंगे.
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