प्रयागराज महाकुंभ 2025: ज्योतिषीय महत्व और पवित्र संगम में डुबकी से पापों का नाश

धर्म समाचार

प्रयागराज महाकुंभ 2025: ज्योतिषीय महत्व और पवित्र संगम में डुबकी से पापों का नाश
महाकुंभप्रयागराजज्योतिष
  • 📰 News18 India
  • ⏱ Reading Time:
  • 25 sec. here
  • 7 min. at publisher
  • 📊 Quality Score:
  • News: 30%
  • Publisher: 51%

प्रयागराज में 13 जनवरी से 26 फरवरी तक महाकुंभ का आयोजन होगा। इस पवित्र आयोजन का विशेष महत्व है और ज्योतिषीय गणनाओं के अनुसार, गुरु वृषभ राशि और सूर्य मकर राशि में होने वाली स्थिति के कारण महाकुंभ का आयोजन 12 साल में एक बार होता है। महाकुंभ में स्नान करने से सभी तरह के पापों से मुक्ति मिल जाती है और सतगति सुनिश्चित होती है।

श्रीनगर गढ़वाल. उत्तर प्रदेश के प्रयागराज में 13 जनवरी से 26 फरवरी तक महाकुंभ का आयोजन होना है. हिंदू धर्म में महाकुंभ का विशेष महत्व है. देश-दुनिया से करोड़ों की संख्या में भक्त प्रयागराज महाकुंभ में पहुंचते हैं. प्रयागराज में सरस्वती और यमुना के पवित्र संगम तट पर महाकुंभ का आयोजन होता है और यहां स्नान करने का विशेष महत्व है.

कई वर्षों में बनता है कुंभ का ऐसा अद्भुत योग उन्होंने बताया कि जिस प्रकार उत्तराखंड में संक्रांति से संक्रांति तक का महीना माना जाता है लेकिन देश में बाकी जगह पूर्णिमा से पूर्णिमा चंद्र मास माना जाता है. सौर मास और चंद्र मास दोनों अलग-अलग होते हैं, पर इस बार दोनों एक ही दिन से शुरू हो रहे हैं और एक ही दिन खत्म हो रहे हैं. यही वजह है कि इस बार कुंभ का अद्भुत योग बन रहा है. ऐसा कई वर्षों में एक बार होता है, इसलिए इस बार काफी संख्या में सनातन धर्म के अनुयायी वहां पहुंचेंगे.

हमने इस समाचार को संक्षेप में प्रस्तुत किया है ताकि आप इसे तुरंत पढ़ सकें। यदि आप समाचार में रुचि रखते हैं, तो आप पूरा पाठ यहां पढ़ सकते हैं। और पढो:

News18 India /  🏆 21. in İN

महाकुंभ प्रयागराज ज्योतिष संगम पवित्र स्नान

इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें

Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।

प्रयागराज में महाकुंभ: क्यों शाही स्नान किया जाता है?प्रयागराज में महाकुंभ: क्यों शाही स्नान किया जाता है?महाकुंभ मेला का महत्व, प्रयागराज में त्रिवेणी संगम का महत्व, शाही स्नान का महत्व और इसकी धार्मिक मान्यताएं.
और पढो »

Mahakumbh 2025: प्रयागराज महाकुंभ आध्यात्मिकता और परंपरा का अद्भुत संगम, क्या हैं इसके पौराणिक महत्वMahakumbh 2025: प्रयागराज महाकुंभ आध्यात्मिकता और परंपरा का अद्भुत संगम, क्या हैं इसके पौराणिक महत्वMahakumbh 2025: महाकुंभ मेला की गिनती देश के बड़े मेला में होती है. यह मेला हर 12 साल में चार प्रमुख स्थलों प्रयागराज, हरिद्वार, उज्जैन और नासिक में लगता है. पौराणिक मान्यताओं के अनुसार गंगा नदी में महाकुंभ के दौरान स्नान करने से जन्म और मृत्यु के चक्र से मुक्ति मिल जाती है.
और पढो »

प्रयागराज में गहरा कोहरा, ठंड का कहरप्रयागराज में गहरा कोहरा, ठंड का कहरप्रयागराज में महाकुंभ 2025 की तैयारी के बीच ठंड और कोहरे का प्रकोप बढ़ गया है.
और पढो »

Maha Kumbh 2025: कुंभ से घर लौटते समय जरूर लाएं ये 4 चीजें, भूल गए तो रह जाएंगे पछताते!Maha Kumbh 2025: कुंभ से घर लौटते समय जरूर लाएं ये 4 चीजें, भूल गए तो रह जाएंगे पछताते!Maha Kumbh 2025 Prayagraj: हर 12 साल में आने वाला महाकुंभ, आस्था और धर्म का सबसे बड़ा पर्व माना जाता है. 2025 में इसका आयोजन प्रयागराज के पवित्र संगम पर होने जा रहा है. ऐसी मान्यता है कि महाकुंभ के पवित्र संगम में स्नान से न केवल पापों का नाश होता है, बल्कि इससे घर में सुख-समृद्धि भी आती है.
और पढो »

त्रिवेणी संगम पर महाकुंभ का शाही स्नान क्यों किया जाता है?त्रिवेणी संगम पर महाकुंभ का शाही स्नान क्यों किया जाता है?यह लेख प्रयागराज में होने वाले महाकुंभ के महत्व और त्रिवेणी संगम पर शाही स्नान के पीछे के धार्मिक कारणों को बताता है।
और पढो »

कल्पवास: संगम तट पर आध्यात्मिक यात्राकल्पवास: संगम तट पर आध्यात्मिक यात्रामाघ मास के दौरान संगम तट पर कल्पवास की परंपरा, आत्मशुद्धि और पापों से मुक्ति का पवित्र माध्यम है.
और पढो »



Render Time: 2025-02-19 18:36:28