पतंगबाजी का इतिहास लगभग 2000 साल पुराना बताया जाता है. चीनी दार्शनिकों ने बांस के कागज से पतंग का आविष्कार किया था. पहले पतंग का प्रयोग मौसम के अध्ययन में किया जाता था. अब इतिहास, धर्म और सभ्यता के साथ रूप बदलती पतंग और पतंगबाजी को पर्यटन से भी जोड़ दिया गया है. भारत में कई स्थानों पर पतंग उड़ाने की परंपरा मनाई जाती है.
पतंगबाजी का इतिहास लगभग 2 हजार साल पुराना बताया जाता है, पतंग की खोज की सटीक जानकारी तो नहीं हैं लेकिन अलग अलग कहानियां और मान्यताएं जरूर हैं. चीन के शानडोंग को पतंग का घर के नाम से भी जाना जाता है.
मिली जानकारी के अनुसार 1898 से 1933 तक संयुक्त राज्य मौसम ब्यूरो ने मौसम के अध्ययन के लिए पतंग केंद्र बनाए हुए थे.इसके बाद अब इतिहास, धर्म और सभ्यता के साथ रूप बदलती पतंग और पतंगबाजी को पर्यटन से भी जोड़ दिया गया है.
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