पुणे में गुलियन-बैरे सिंड्रोम के कारण चार्टर्ड अकाउंटेंट की मौत

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पुणे में गुलियन-बैरे सिंड्रोम के कारण चार्टर्ड अकाउंटेंट की मौत
गुलियन-बैरे सिंड्रोमजीबीएसमहाराष्ट्र
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महाराष्ट्र में पुणे में गुलियन-बैरे सिंड्रोम (जीबीएस) के कारण एक चार्टर्ड अकाउंटेंट की मौत हो गई है. यह पहला ज्ञात मामला है जहां यह दुर्लभ लेकिन उपचार योग्य बीमारी हुई है.

पुणे में गुलियन-बैरे सिंड्रोम ( जीबीएस ) के कारण एक चार्टर्ड अकाउंटेंट की मौत हो गई है. यह पहला ज्ञात मामला है जहां यह दुर्लभ लेकिन उपचार योग्य बीमारी हुई है. 41 वर्षीय मरीज को 9 जनवरी को दस्त की शिकायत हुई थी और उन्होंने दवा ली. 14 जनवरी को वह अपने गृहनगर सोलापुर के लिए रवाना हुए. 17 जनवरी को उन्हें फिर से कमजोरी महसूस होने लगी और अगले दिन उन्हें अस्पताल में भर्ती कराया गया. उन्होंने लगभग छह दिनों तक आईसीयू में बिताए और फिर उन्हें सामान्य वार्ड में ले जाया गया.

हालाँकि उनकी हालत अचानक बिगड़ गई और शनिवार देर रात उनकी मौत हो गई. डॉक्टरों ने कहा कि मरीज को गंभीर कमजोरी और लकवा के साथ भर्ती कराया गया था. \राज्य के स्वास्थ्य मंत्री प्रकाश अबितकर ने एक प्रेस कॉन्फ्रेंस में संवाददाताओं से कहा, 'यह एक पुष्ट GBS मामला है.' 9 जनवरी को क्लस्टर बनने के बाद से तीन सप्ताह से भी कम समय में पुणे के जीबीएस केसलोड में 111 की वृद्धि हुई है. रविवार तक, यह संख्या 101 थी. अबितकर ने कहा कि कम से कम 17 मरीज वेंटिलेटर सपोर्ट पर हैं, जबकि सात को छुट्टी दे दी गई है. सूत्रों ने कहा कि केंद्र ने पुणे के जीबीएस उछाल की समीक्षा करने और राज्य को सार्वजनिक स्वास्थ्य उपायों को लागू करने में मदद करने के लिए एक उच्च स्तरीय बहु-विषयक टीम भेजी थी. टीम में दिल्ली और बेंगलुरु के विशेषज्ञ शामिल हैं.\जीबीएस एक दुर्लभ बीमारी है जिसमें अचानक सुन्नता और मांसपेशियों में कमजोरी हो जाती है. इसके साथ ही इस बीमारी में हाथ पैरों में गंभीर कमजोरी जैसे लक्षण भी होते हैं. गुलियन-बैरे सिंड्रोम (GBS) एक दुर्लभ न्यूरोलॉजिकल बीमारी है, जिसमें शरीर की प्रतिरक्षा प्रणाली गलती से परिधीय तंत्रिका तंत्र पर हमला करती है. इस स्थिति से कमज़ोरी, सुन्नता और गंभीर मामलों में पक्षाघात हो सकता है. हालाँकि GBS किसी को भी प्रभावित कर सकता है, लेकिन इसका सटीक कारण अज्ञात है. जीबीएस के लक्षण आमतौर पर अचानक दिखाई देते हैं और कुछ दिनों या हफ़्तों में तेज़ी से बढ़ सकते हैं. आम लक्षणों में कमज़ोरी और झुनझुनी शामिल है जो अक्सर पैरों से शुरू होती है और हाथों और चेहरे तक फैल सकती है. लोगों को चलने में भी कठिनाई होती है जो गतिशीलता और संतुलन को प्रभावित कर सकती है. अनियमित हृदय गति, रक्तचाप में उतार-चढ़ाव और गंभीर मामलों में सांस लेने में कठिनाई. गंभीर अवस्‍था में जीबीएस कुल पक्षाघात का कारण बन सकता है, जिसके लिए वेंटिलेशन की आवश्यकता होती है

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