पेठा कद्दू की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी और बुवाई विधि

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पेठा कद्दू की खेती के लिए उपयुक्त मिट्टी और बुवाई विधि
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यह लेख पेठा कद्दू की खेती के बारे में जानकारी प्रदान करता है, जिसमें उचित मिट्टी का प्रकार, बुवाई समय, पोषक तत्व आवश्यकताओं, फसल देखभाल युक्तियों और मार्केटिंग तकनीकों पर प्रकाश डाला गया है।

पेठा कद्दू की खेती के लिए बलुई और दोमट मिट्टी सबसे उपयुक्त मानी जाती है. खेत की तैयारी जून के आखिरी या जुलाई की शुरुआत में करनी चाहिए. खेत में गोबर की खाद डालने के बाद 5 से 10 बीज बोए जाते हैं, जिससे पौधों को आवश्यक पोषक तत्व मिलते हैं और फसल अच्छी होती है. समय-समय पर फसल की निराई-गुड़ाई और खाद डालना बहुत जरूरी है. यदि फसल पर रोग लग जाए, तो तुरंत विशेषज्ञ की सलाह से दवा का छिड़काव करना चाहिए. अच्छी देखभाल से फसल स्वस्थ रहती है और उपज भी बेहतर होती है.

इससे उपज भी अधिक होती है. पेठा कद्दू की बुवाई से पहले खेत में 40-50 क्विंटल सड़ी हुई गोबर की खाद, 20 किलोग्राम नीम की खली और 30 किलोग्राम अरंडी की खली मिलाई जानी चाहिए. इन पोषक तत्वों को मिट्टी में मिलाने के बाद खेत की दोबारा जुताई की जाती है, जिससे मिट्टी की उर्वरता बढ़ती है और फसल की गुणवत्ता में सुधार होता है. पेठा कद्दू की फसल 3-4 महीने में तैयार हो जाती है और तोड़ाई के लिए तैयार फलों पर सफेद चूर्ण की परत दिखने लगती है.

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