पोर्टहोल मर्डर: अनसुनी दास्तान

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पोर्टहोल मर्डर: अनसुनी दास्तान
क्राइमहिस्ट्रीगे गिब्सन
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जे गिब्सन की हत्या के 77 साल बाद भी रहस्य बना हुआ है।

ब्रिटिश एक्ट्रेस गे गिब्सन अटलांटिक महासागर में केप टाउन से यूनाइटेड किंगडम के लिए जहाज से रवाना हुईं। फर्स्ट क्लास में सफर कर रहीं गे गिब्सन को रूम नंबर 126 दिया गया था। हालांकि 18 अक्टूबर 1947 को सफाई करने पहुंची एक स्टाफ क्लीनर ने देखा कि वो अपने कमरें में नहीं हैं। उनके कमरे की चादर में दाग था और उनका सामान भी कहीं नजर नहीं आ रहा था। नजरें घुमाने पर पता चला कि उनके कमरे की पोर्टहोल (जहाज की खिड़की) खुली थी। पूरे जहाज में गे गिब्सन की तलाश की गई, लेकिन वो लापता थीं। एक रात पहले वो अपने साथी

पैसेंजर्स के साथ डांस करती और मस्ती करती दिखी थीं। देर रात उन्होंने कैप्टन को मदद के लिए बुलाया था, लेकिन उसके बाद उन्हें किसी ने नहीं देखा। उनकी तलाश कभी पूरी नहीं हुई, लेकिन जहाज के कैप्टन के बयान पर उन्हें मृत घोषित कर दिया गया। न उनकी कभी लाश मिली, न उनकी मौत की गुत्थी सुलझ चुकी। दुनिया के इंग्लिश लॉ के मुताबिक ये ऐसा पहला मामला है, जिसमें बिना लाश मिले ही कातिल को सजा-ए-मौत सुनाई गई थी। लेकिन कातिल की खुशकिस्मती ऐसी कि फांसी दिए जाने से पहले ही मृत्युदंड की सजा में बदलाव कर दिया गया। मामला इतना विवादों में रहा कि तत्कालीन ब्रिटिश प्राइम मिनिस्टर ने भी गे गिब्सन के हत्यारे को फांसी न दिए जाने पर खेद जताया था। ये हत्याकांड दुनियाभर में पोर्थोल मर्डर के नाम से मशहूर है, हालांकि न कभी गे गिब्सन की लाश मिली, न उनकी मौत का कारण कभी सामने आ सका। 16 जून 1926 को गे गिब्सन का जन्म ब्रिटिश इंडिया के जयपुर शहर में हुआ था। गुलाम भारत में ये वो दौर था, जब कई अंग्रेज भारत में आकर बसे थे। गे गिब्सन का असली नाम एलीन ईसाबेल रोनी गिब्सन था, जो फिल्मों में आने के बाद बदला गया था। साउथ अफ्रीका में हुए गे गिब्सन के प्ले गोल्डन बॉय की तस्वीर, जिसमें वो एक्टर एरिक बून के साथ नजर आई थीं

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