प्रयागराज: प्राचीन काल से चीनियों की पसंद

इतिहास समाचार

प्रयागराज: प्राचीन काल से चीनियों की पसंद
प्रयागराजचीनी यात्रीह्वेनत्सांग
  • 📰 NDTV India
  • ⏱ Reading Time:
  • 57 sec. here
  • 12 min. at publisher
  • 📊 Quality Score:
  • News: 61%
  • Publisher: 63%

चीनी यात्री ह्वेनत्सांग की पुस्तक से प्रयागराज की सांस्कृतिक महत्ता का पता चलता है. ह्वेनत्सांग ने प्रयागराज को एक ऐसा क्षेत्र बताया जहां जलवायु, स्वास्थ्य और फल के वृक्षों की प्रचुरता होती है.

प्रयागराज लगभग 1,400 वर्षों से चीनियों की पहली पसंद है. इसका स्पष्ट उल्लेख चीनी यात्री ह्वेनत्सांग ने भी अपनी पुस्तक में किया है. भारत की सांस्कृतिक विरासत से चीन और आसपास के देश खासे आकर्षित होते रहे हैं. इसीलिए प्राचीन काल में चीन ने बारी-बारी अपने पांच यात्रियों को भारत के सांस्कृतिक महत्व की जानकारी लेने के लिए भेजा. ह्वेनत्सांग ने यहां आकर 16 वर्षों तक भारत के कोने-कोने का अध्ययन किया. 644 ईस्वीं में उसने शक्तिशाली राजा हर्षवर्धन के राज्य को सबसे ज्यादा अन्न वाला बताया.

यही नहीं उसने अपनी किताब में लिखा है कि प्रयागराज जलवायु, स्वास्थ्य और सबसे ज्यादा फल वाले वृक्षों का क्षेत्र है. प्रयागराज व आसपास के लोग विनम्र, सुशील और विद्याप्रेमी होते हैं. यहां तमाम पुरातत्व और सर्वेक्षण से भी सिद्ध होता है कि प्रयाग यूं ही तीर्थराज नहीं बना. प्राचीन काल में 5 लाख से अधिक लोग जुटते रहे संगम की रेत परप्रयागराज के सांस्कृतिक महत्ता के बारे में ह्वेनत्सांग ने अपनी किताब सी-यू-की में लिखा है कि देश के बड़े-बड़े राजा और महाराजा यहां पर दान का उत्सव मनाने एकत्र हुआ करते थे. इनमें सबसे प्रतापी और शक्तिशाली राजा हर्षवर्धन का शासन काल प्रमुख रहा. ह्वेनत्सांग की किताब में प्राचीनकाल में प्रयाग के महात्म्य का रोचक वर्णन मिलता है. ह्वेनत्सांग ने लिखा है कि प्राचीन काल में प्रयागराज में बड़े स्तर पर धार्मिक उत्सव मनाया जाता था, जिसमें 5 लाख से अधिक व्यक्ति एकत्र होते. इस सांस्कृतिक कार्यक्रम में देश के बड़े-बड़े राजा और महाराजा हिस्सा लेते थे. उसने लिखा है कि इस बड़े राज्य का विस्तार 500 ली (05 ली=01 मील) तक है. प्रयाग दो पवित्र नदियों गंगा और यमुना के बीच 20 ली के घेरे में है. यहां की जलवायु उष्ण है. साथ ही स्वास्थ्य के लिहाज से बेहद अनुकूल वातावरण है. मंदिर, अक्षय वट का भी किया उल्ले

हमने इस समाचार को संक्षेप में प्रस्तुत किया है ताकि आप इसे तुरंत पढ़ सकें। यदि आप समाचार में रुचि रखते हैं, तो आप पूरा पाठ यहां पढ़ सकते हैं। और पढो:

NDTV India /  🏆 6. in İN

प्रयागराज चीनी यात्री ह्वेनत्सांग भारत सांस्कृतिक विरासत प्राचीन काल तीर्थराज राजा हर्षवर्धन गंगा यमुना

इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें

Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।

भारत में खेलों का इतिहासभारत में खेलों का इतिहासयह लेख भारत में खेलों के इतिहास पर प्रकाश डालता है, प्राचीन काल से लेकर आज तक के विभिन्न रूपों पर चर्चा करता है।
और पढो »

भारत विदेश नीति में राष्ट्रीय हित के साथ मानव हित को भी देता है प्राथमिकता : क्रिसमस सेलिब्रेशन में बोले PM मोदीभारत विदेश नीति में राष्ट्रीय हित के साथ मानव हित को भी देता है प्राथमिकता : क्रिसमस सेलिब्रेशन में बोले PM मोदीप्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी (PM Narendra Modi) ने कहा कि भारत ने कोरोना काल में परमार्थ भाव से अपने सामर्थ्‍य से भी आगे जाकर कई देशों की मदद की.
और पढो »

उत्तर प्रदेश में बावड़ी की खोजउत्तर प्रदेश में बावड़ी की खोजसंभल में शाही जामा मस्जिद सर्वे के बाद पुलिस अंदर धावा बोलने लगी की वजह से एक प्राचीन बावड़ी की खोज हुई है.
और पढो »

महाकुंभ के दौरान प्रयागराज जंक्शन से प्रमुख शहरों के लिए विशेष ट्रेनेंमहाकुंभ के दौरान प्रयागराज जंक्शन से प्रमुख शहरों के लिए विशेष ट्रेनेंमहाकुंभ मेले के दौरान प्रयागराज जंक्शन और अन्य प्रमुख स्टेशनों से यात्रियों को प्रमुख शहरों तक यात्रा की सुविधा के लिए विशेष ट्रेनें चलाने की घोषणा की गई है।
और पढो »

महाकुंभ यात्रा के लिए रेलवे चलाएगा स्पेशल ट्रेनेंमहाकुंभ यात्रा के लिए रेलवे चलाएगा स्पेशल ट्रेनेंझारखंड से प्रयागराज जाने वाले यात्रियों की सुविधा के लिए रेलवे ने महाकुंभ के लिए स्पेशल ट्रेनें चलाने की घोषणा की है.
और पढो »

प्रयागराज महाकुंभ में श्रद्धालुओं के लिए स्लीपिंग पॉड की खास सुविधाप्रयागराज महाकुंभ में श्रद्धालुओं के लिए स्लीपिंग पॉड की खास सुविधाप्रयागराज महाकुंभ में श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए स्लीपिंग पॉड की सुविधा शुरू की गई है।
और पढो »



Render Time: 2025-02-13 18:43:19