यह लेख 13 साल के अयाज की कहानी से शुरू होता है, जो अपने वजन से परेशान है और खाना छोड़ने लगा है। यह कहानी बच्चों के शरीर के प्रति संवेदनशीलता और समाज के दबाव को उजागर करती है। लेख में यह तर्क दिया गया है कि बच्चों को अपने शरीर के प्रति सकारात्मक नजरिया विकसित करने के लिए सहायता और मार्गदर्शन दिया जाना चाहिए।
नई दिल्ली, आरती तिवारी। 13 साल का अयाज कई दिनों से खाने-पीने को लेकर अनमना हो गया है। जंकफूड और मीठे का शौकीन अयाज अब दिन का भोजन तो कम कर ही रहा है, डिनर के समय तो बिल्कुल ही खाना बंद कर चुका है। अयाज की मम्मी परेशान हैं और पापा हैरान। दरअसल, अयाज को अपने वजन से परेशानी है। वह अपने सभी दोस्तों और चचेरे भाइयों में सबसे वजनदार है। बीते महीने जब परिवार में शादी थी तो रिश्तेदारों से लेकर भाई-बहनों तक ने उसको बहुत टोका और मजाक भी बनाया। उदास अयाज अब सिर्फ अपना वजन कम करना चाहता है। मगर महीने भर
में उसके वजन से ज्यादा असर व्यवहार और पढ़ाई पर पड़ा है, वह भी नकारात्मक। कभी स्वजन की टीका-टिप्पणी तो कभी पियर प्रेशर; कारण कोई भी हो, बच्चे कितनी जल्दी अपने अधिक या कम वजन तो कभी गहरी रंगत या हाइट के प्रति संकोची हो जाते हैं, पता नहीं चल पाता। अचानक ही खाना-पीना छोड़कर या चेहरे के लिए तरह-तरह के सौंदर्य प्रसाधनों व रासायनिक सामग्रियों का उपयोग कर कम समय में शरीर को समाज के तय पैमाने में लाने की जद्दोजहद होने लगती है। जो इसमें असफल रहते हैं, उनमें आत्मसंदेह की स्थिति बन जाती है। बेहतर होगा कि समय रहते बच्चों को अपने शरीर के प्रति सकारात्मक नजरिया रखने के बारे में समझाएं। अगर वे वाकई शरीर पर ध्यान देना चाहते हैं तो सही दिशा दिखलाएं। यह भी पढ़ें- कहें या न कहें लेकिन मां-बाप से ये 5 चीजें चाहते हैं बच्चे, न मिलने पर हो जाते हैं मायूस सकारात्मकता का दें साथ बीते दिनों अभिनेत्री ट्विंकल खन्ना ने साझा किया कि जब लोग उनके दोनों बच्चों की रंगत की तुलना करते हैं तो उन्होंने कैसे सकारात्मक तरीके से अपनी बेटी को गहरी रंगत के फायदे समझाकर उसके आत्मविश्वास को डगमगाने से बचा लिया। बच्चों में कम उम्र से ही उनके शरीर के प्रति आत्मविश्वास विकसित करें। बाडी पाजिटिविटी यानी आप जैसे आकार, रंगत, ऊंचाई या वजन के हैं, उसके प्रति सकारात्मक दृष्टिकोण रखें। जिससे वे अपने शरीर से ज्यादा अपने कौशल पर ध्यान केंद्रित कर सकें। बॉडी पाजिटिविटी सिर्फ स्वीकृति नहीं, बल्कि सशक्तीकरण का मार्ग है। आत्मविश्वास से क्षमताओं और व्यक्तित्व को बल मिलता है। बतौर माता-पिता आप बच्चों को सुंदरता की सही परिभाषा को, अपनी क्षमता को समझने और चुनौतियों का सामना करने के लिए साहस दे सकते हैं। जब सामने आएं मुश्किलें आप अपनी तरफ स
बॉडी पाजिटिविटी आत्मविश्वास बच्चों का स्वास्थ्य समाज का दबाव शरीर की छवि
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