बांग्लादेश में बिजली संकट: सरकार के बकाया भुगतान की वजह से देश अंधेरे में डूबने का खतरा

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बांग्लादेश में बिजली संकट: सरकार के बकाया भुगतान की वजह से देश अंधेरे में डूबने का खतरा
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मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली बांग्लादेश सरकार बिजली उत्पादकों को बकाया राशि का भुगतान करने में असफल रही है, जिसके कारण देश में बिजली संकट की स्थिति पैदा हो गई है। आगामी गर्मियों में बिजली की आपूर्ति में भारी कमी होने की आशंका है, जिससे देश को अंधेरे में डूबने का खतरा है।

बांग्लादेश में मोहम्मद यूनुस के नेतृत्व वाली अंतरिम सरकार के गठन के बाद से देश शांति की तलाश कर रहा है, लेकिन उसकी स्थिति दिन-ब-दिन बिगड़ती जा रही है। देश में चारों ओर चीख-पुकार मची हुई है। यूनुस के नेतृत्व में सरकार की किस्मत घटती जा रही है, इसकी सबसे बड़ी मिसाल पड़ोसी पाकिस्तान से हाथ मिलाने के बाद भी उसके हालात में सुधार ना होना है। कंगाली की हालत में पहुंच रहा बांग्लादेश अंधेरे में डूबने के लिए तैयार है। यह स्थिति बिजली की भारी किल्लत के कारण उत्पन्न हो रही है। आने वाली गर्मियों में बिजली

की आपूर्ति की स्थिति हाल के वर्षों में सबसे खराब हो सकती है क्योंकि सरकार स्वतंत्र बिजली उत्पादकों, गैस सप्लायर्स और विदेशी कर्जदाताओं को बकाया भुगतान करने में नाकाम हो रही है। आधिकारिक सूत्रों के अनुसार, बांग्लादेश पावर डेवलपमेंट बोर्ड (बीपीडीबी) पर विभिन्न बिजली उत्पादकों (आईपीपी) और पेट्रोबांग्ला को बिजली और गैस खरीद के लिए 43,473 करोड़ टका का बकाया है। इस राशि में से, भारतीय अडानी समूह को 10,309 करोड़ टका मिलना है, जबकि स्थानीय IPPs को लगभग 16,000 करोड़ टका का बकाया है। ज्वॉइंट वेंटर बिजली संयंत्र, जिनमें पायरा और रामपाल शामिल हैं, 10,000 करोड़ टका का इंतजार कर रहे हैं, और पेट्रोबांग्ला को 7,164 करोड़ टका का भुगतान किया जाना है। पिछली गर्मियों में, बिजली की अधिकतम मांग 17,200 मेगावाट तक पहुंच गई थी, लेकिन सरकार औसतन केवल 15,500 मेगावाट की आपूर्ति कर पाई, जिससे 2,000-2,200 मेगावाट की कमी रह गई थी। बांग्लादेश इंडिपेंडेंट पावर प्रोड्यूसर्स एसोसिएशन (बीआईपीपीए) का अनुमान है कि बिजली की मांग में सालाना 6% की वृद्धि होगी, जिससे मार्च से सितंबर के बीच आने वाली गर्मियों में बिजली की मांग 18,232 मेगावाट तक पहुंच जाएगी। हालांकि, बीपीडीबी ने अभी तक आगामी सीजन के लिए आधिकारिक मांग-आपूर्ति का पूर्वानुमान जारी नहीं किया है। बीआईपीपीए ने चेतावनी दी है कि अगर सरकार बकाया राशि का भुगतान नहीं करती है, तो देश को 3,500-4,000 मेगावाट बिजली उत्पादन की कमी का सामना करना पड़ सकता है। बीआईपीपीए के अध्यक्ष डेविड हसनात ने चेतावनी दी है कि जब तक IPPs को बकाया 16,000 करोड़ टका में से कम से कम कुछ हिस्सा नहीं चुकाया जाता, तब तक बिजली उत्पादन के लिए जरूरी ईंधन आयात करने के लिए लेटर ऑफ क्रेडिट (LCs) खोलना असंभव होगा। एक वरिष्ठ बीपीडीबी अधिकारी, जिन्होंने नाम न बताने की शर्त पर बात की, ने दावा किया कि आईपीपी को वास्तविक बकाया रिपोर्ट की तुलना में कम है, क्योंकि सरकार ने हाल ही में निजी बिजली उत्पादकों को बॉन्ड जारी करने और अन्य तरीकों से 8,000 करोड़ टका का भुगतान किया है

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