बाली में प्लास्टिक प्रदूषण से लड़ाई, सिंगापुर की पानी की समस्या का हल और मखाना फसल का सस्टेनेबल विकल्प

पर्यावरण समाचार

बाली में प्लास्टिक प्रदूषण से लड़ाई, सिंगापुर की पानी की समस्या का हल और मखाना फसल का सस्टेनेबल विकल्प
समाचारPLASTIC POLLUTIONENVIRONMENTAL CONSERVATION
  • 📰 DW Hindi
  • ⏱ Reading Time:
  • 25 sec. here
  • 8 min. at publisher
  • 📊 Quality Score:
  • News: 34%
  • Publisher: 63%

यह लेख बाली में बढ़ते प्लास्टिक प्रदूषण से लड़ने वाले स्थानीय अभियानों, जलवायु परिवर्तन से जूझ रहे अल सल्वाडोर में पर्यावरण संरक्षण के लिए काम कर रहे संगठनों, पानी की किल्लत से जूझ रहे सिंगापुर के समाधान, बिहार में मखाना उत्पादन के बढ़ते महत्व और प्रकृति संरक्षण के प्रति जागरूक कर रहे भारतीय इन्फ्लुएंसरों की कहानियों को प्रस्तुत करता है।

इंडोनेशिया का बाली दुनिया का बड़ा पर्यटक स्थल है. लेकिन हाल के सालों में यहां प्लास्टिक प्रदूषण बढ़ा है. तट प्लास्टिक से अटे पड़े हैं. अब सुंगाई वॉच जैसे स्थानीय अभियानों ने सफाई का काम अपने हाथों में लिया है. देखिए, बाली में आ रहे बदलाव.वाइल्डलाइफ के बारे में क्या बताते हैं रेस्क्यू सेंटर पर्यावरण के लिए फायदेमंद हैं खेती के देसी तरीके

मध्य अमेरिका का सबसे छोटा देश, अल सल्वाडोर, जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से जूझ रहा है. समुद्र का बढ़ता स्तर, सूखे और बाढ़ से. सेस्ता एक छोटा संगठन है जो यहां पर्यावरण की रक्षा के लिए सालों से संघर्ष कर रहा है.जैव-विविधता की समझ बढ़ाने और पर्यावरण की बेहतर देखभाल के लिए इस तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है.छोटा सा द्वीपीय देश सिंगापुर दुनिया में कारोबार का एक बड़ा केंद्र है. सिंगापुर के पास पैसा तो खूब है, लेकिन पानी की बड़ी कमी है. उसके पास ताजा पानी के कुदरती स्रोत नहीं हैं.

हमने इस समाचार को संक्षेप में प्रस्तुत किया है ताकि आप इसे तुरंत पढ़ सकें। यदि आप समाचार में रुचि रखते हैं, तो आप पूरा पाठ यहां पढ़ सकते हैं। और पढो:

DW Hindi /  🏆 8. in İN

समाचार PLASTIC POLLUTION ENVIRONMENTAL CONSERVATION WATER MANAGEMENT CLIMATE CHANGE SUSTAINABLE AGRICULTURE

इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें

Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।

बालि का प्लास्टिक प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन और मखाना खेतीबालि का प्लास्टिक प्रदूषण, जलवायु परिवर्तन और मखाना खेतीयह लेख बाली में प्लास्टिक प्रदूषण, अल सल्वाडोर में जलवायु परिवर्तन के प्रभाव, सिंगापुर की पानी की समस्या, बिहार में मखाना खेती और भारतीय पर्यावरण जागरूकता अभियानों पर केंद्रित है।
और पढो »

केरल लॉन्च करेगा बायोडिग्रेडेबल पानी की बोतलेंकेरल लॉन्च करेगा बायोडिग्रेडेबल पानी की बोतलेंकेरल का एक स्टार्टअप जल्द ही देश की पहली जैविक पानी की बोतलें लॉन्च करेगी, जो प्लास्टिक के उपयोग को कम करने और पर्यावरण की रक्षा करने का लक्ष्य रखती है।
और पढो »

सिंगापुर: पानी की कमी का समाधान, दुनिया के लिए एक उदाहरणसिंगापुर: पानी की कमी का समाधान, दुनिया के लिए एक उदाहरणसिंगापुर, एक छोटा सा द्वीपीय देश, व्यापार का एक प्रमुख केंद्र है। हालाँकि उसे धन की कमी नहीं है, लेकिन पानी की कमी एक बड़ी समस्या है। सिंगापुर में प्राकृतिक रूप से ताजा पानी के स्रोत नहीं हैं। इस पानी की कमी ने सिंगापुर को कई संकटों में डाल दिया था। लेकिन सिंगापुर ने पानी की समस्या का समाधान उस तरह से निकाला है जो दुनिया के लिए एक मिसाल है।
और पढो »

अनार की फसल को ठंड से बचाने के लिए किसानों ने अनूठा कदम उठायाअनार की फसल को ठंड से बचाने के लिए किसानों ने अनूठा कदम उठायाजालोर जिले के किसानों ने अनार की फसल को सर्दियों में गिरने वाली ओस और ठंड से बचाने के लिए प्लास्टिक की चादरों से पौधों को ढककर यह अनोखा कदम उठाया है.
और पढो »

बाली में प्लास्टिक प्रदूषण और अल सल्वाडोर में जलवायु परिवर्तन का सामनाबाली में प्लास्टिक प्रदूषण और अल सल्वाडोर में जलवायु परिवर्तन का सामनायह लेख बाली में बढ़ते प्लास्टिक प्रदूषण और स्थानीय अभियानों द्वारा किए जा रहे प्रयासों पर केंद्रित है। इसके साथ ही, यह अल सल्वाडोर में जलवायु परिवर्तन के प्रभावों को भी रेखांकित करता है और वहाँ एक पर्यावरण संगठन द्वारा की जा रही संरक्षण कार्य को उजागर करता है।
और पढो »

लौकी की फसल में फल गिरने की समस्या से निजात पाने का जैविक उपायलौकी की फसल में फल गिरने की समस्या से निजात पाने का जैविक उपायजनवरी महीने में लौकी की खेती करने वाले किसानों को फल गिरने की समस्या से निजात पाने के लिए एक आसान और जैविक तरीका अपनाया जा सकता है। घर में मौजूद कुछ चीजों से तैयार किया जा सकने वाला जैविक उत्पाद लौकी के फल को सड़ने से बचाता है और उत्पादन में वृद्धि करता है।
और पढो »



Render Time: 2025-02-12 22:18:56