यह लेख बाली में बढ़ते प्लास्टिक प्रदूषण से लड़ने वाले स्थानीय अभियानों, जलवायु परिवर्तन से जूझ रहे अल सल्वाडोर में पर्यावरण संरक्षण के लिए काम कर रहे संगठनों, पानी की किल्लत से जूझ रहे सिंगापुर के समाधान, बिहार में मखाना उत्पादन के बढ़ते महत्व और प्रकृति संरक्षण के प्रति जागरूक कर रहे भारतीय इन्फ्लुएंसरों की कहानियों को प्रस्तुत करता है।
इंडोनेशिया का बाली दुनिया का बड़ा पर्यटक स्थल है. लेकिन हाल के सालों में यहां प्लास्टिक प्रदूषण बढ़ा है. तट प्लास्टिक से अटे पड़े हैं. अब सुंगाई वॉच जैसे स्थानीय अभियानों ने सफाई का काम अपने हाथों में लिया है. देखिए, बाली में आ रहे बदलाव.वाइल्डलाइफ के बारे में क्या बताते हैं रेस्क्यू सेंटर पर्यावरण के लिए फायदेमंद हैं खेती के देसी तरीके
मध्य अमेरिका का सबसे छोटा देश, अल सल्वाडोर, जलवायु परिवर्तन के प्रभावों से जूझ रहा है. समुद्र का बढ़ता स्तर, सूखे और बाढ़ से. सेस्ता एक छोटा संगठन है जो यहां पर्यावरण की रक्षा के लिए सालों से संघर्ष कर रहा है.जैव-विविधता की समझ बढ़ाने और पर्यावरण की बेहतर देखभाल के लिए इस तकनीक का इस्तेमाल किया जा रहा है.छोटा सा द्वीपीय देश सिंगापुर दुनिया में कारोबार का एक बड़ा केंद्र है. सिंगापुर के पास पैसा तो खूब है, लेकिन पानी की बड़ी कमी है. उसके पास ताजा पानी के कुदरती स्रोत नहीं हैं.
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