बिहार में स्ट्रॉबेरी की खेती: किसानों के लिए नई उम्मीद

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बिहार में स्ट्रॉबेरी की खेती: किसानों के लिए नई उम्मीद
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पश्चिम चम्पारण जिले में स्ट्रॉबेरी की खेती तेजी से बढ़ रही है, किसानों को अच्छा मुनाफा दे रही है। कृषि विज्ञान केंद्र के विशेषज्ञ किसानों को स्ट्रॉबेरी की खेती के बारे में मार्गदर्शन दे रहे हैं.

बिहार के पश्चिम चम्पारण ज़िले में इन दिनों स्ट्रॉबेरी की खेती खूब की जा रही है. एक बड़ी संख्या में किसान अन्य फसलों के अलावे स्ट्रॉबेरी की खेती पर विशेष ध्यान देने लगे हैं. किसान ों की माने तो, अधिकांशतः फलों की तुलना में स्ट्रॉबेरी से उन्हें ज्यादा कमाई हो रही है.हालांकि वर्तमान में इसकी खेती सबके बस की बात नहीं है. इसलिए माधोपुर स्थित कृषि विज्ञान केंद्र में इसकी खेती हेतु किसान ों को विशेष प्रशिक्षण दिया गया. केंद्र में वरिष्ठ वैज्ञानिक के रूप के कार्यरत, डॉ.

अभिषेक प्रताप सिंह बताते हैं कि चुकी यह फल ठंड में ही फलता है, इसलिए भारत में इसकी खेती सर्दियों के मौसम में ही की जाती है.हिमाचल प्रदेश, उत्तराखंड, जम्मू-कश्मीर तथा महाराष्ट्र जैसे राज्यों में इसकी खेती मुख्य रूप से की जाती है, लेकिन आधुनिक तकनीक का इस्तेमाल कर अब इसे बिहार सहित अन्य कई राज्यों में भी उगाया जाने लगा है. बकौल अभिषेक, स्ट्रॉबेरी की खेती करने वाले किसानों को सबसे पहले सही मिट्टी की पहचान होनी चाहिए.राज्य चाहे कोई भी हो,इसकी खेती के लिए बलुई दोमट मिट्टी का होना अनिवार्य है.मिट्टी के परीक्षण के बाद अब खेतों में क्यारियां तैयार कर लें. उस पर मल्चिंग पेपर लगाकर ड्रिप सिंचाई की व्यवस्था करें. रासायनिक खाद के स्थान पर गोबर तथा वर्मिकंपोस्ट के प्रयोग से लागत में कमी तथा मुनाफे में बढ़ोतरी की संभावना बढ़ जाती है. बता दें कि एक एकड़ क्षेत्र में क़रीब 22 हजार स्ट्रॉबेरी के पौधों का रोपण किया जा सकता है.पौधों को लगाने के 50 दिन बाद से प्रति दिन 5 से 6 किलो स्ट्रॉबेरी की उपज होने लगती है. प्रत्येक पौधे से 500 से 700 ग्राम उपज प्राप्त हो सकती है.एक सीजन में 80 से 100 क्विंटल स्ट्रॉबेरी का उत्पादन हो सकता है. बाज़ार में अच्छी कीमत मिलने की वजह से इसकी खेती से किसानों को बेहतर मुनाफा कमाने का मौका मिलता है अभिषेक बताते हैं कि वैसे तो दुनिया में स्ट्रॉबेरी की लगभग 600 किस्में हैं. लेकिन कृषि विज्ञान केंद्र, माधोपुर में स्ट्रॉबेरी की विंटर डॉन प्रभेद की खेती सफलता पूर्वक की गई है.पश्चिम चम्पारण सहित बिहार के सभी जिलों के किसान स्ट्रॉबेरी के इस प्रभेद की खेती सरलता से कर सकते हैं

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