बिहार के कुछ जिलों में बड़े पैमाने पर ड्रैगन फ्रूट की खेती की जाती है. ड्रैगन फ्रूट की खेती एक ऐसी खेती है जो एक बार लगाने के बाद 20 साल तक इसमें फल आता है. यह बहुत ही महंगी खेती है और इसमें प्रति हेक्टेयर सात से आठ लाख रुपए की लागत आती है.
इसमें किसान पौधा रोपन सामग्री की व्यवस्था खुद से कर सकते हैं. सब्सिडी की राशि किसानों को तीन किस्त में दी जाएगी. जिसमें पहले साल कुल अनुदान का 60% यानि 1 लाख 80 हजार रुपये जबकि दूसरे एवं तीसरे साल अनुदान राशि का 20-20% यानि 60-60 हजार रुपया दिया जाएगा. सब्सिडी की राशि प्रखंड उद्यान पदाधिकारी के द्वारा क्षेत्र सत्यापन के पश्चात होगा.
डीबीटी पोर्टल पर पंजीकृत किसान उद्यान विभाग के वेबसाइट http://horticulture.bihar.gov.in पर जाकर ड्रैगन फ्रूट विकास योजना पर आवेदन कर सकते हैं. गया जिले के 5-6 किसान भी ड्रैगन फ्रूट की खेती कर रहे हैं. हालांकि उद्यान विभाग इस वर्ष इसकी खेती और बढाने पर जोर दे रही है. मुख्यमंत्री बागवानी मिशन के तहत ड्रैगन फ्रूट विकास योजना लाया गया है और इसके तहत किसानों की आमदनी वृद्धि करना है साथ ही राज्य भर में इसकी उत्पादकता को बढाना है. इस योजना के तहत प्रति हेक्टेयर 7.
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