बॉम्बे हाईकोर्ट: एक बार पीछा 'स्टॉकिंग' नहीं

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बॉम्बे हाईकोर्ट: एक बार पीछा 'स्टॉकिंग' नहीं
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बॉम्बे हाईकोर्ट ने फैसला सुनाया कि किसी लड़की का एक बार पीछा करना 'स्टॉकिंग' नहीं माना जाएगा। यह घटना भारतीय दंड संहिता (आईपीसी) की धारा 354-डी के तहत पीछे पड़ने का अपराध नहीं माना जा सकता। अदालत ने इस अपराध को तभी माना जा सकता है जब किसी ने बार-बार या लगातार पीछा किया हो।

बॉम्बे हाईकोर्ट ने कहा कि किसी लड़की का एक बार पीछा करना उसके पीछे पड़ना यानी ‘ स्टॉकिंग ’ नहीं माना जाएगा। यह घटना भारतीय दंड संहिता की धारा 354-डी के तहत पीछे पड़ने का अपराध नहीं माना जा सकता। अदालत ने जोर देकर कहा कि इस अपराध को तभी माना जा सकता है, जब किसी शख्स ने बार-बार या लगातार पीछा किया हो। यह फैसला 19 साल के दो आरोपियों द्वारा दायर अपीलों पर आया, जिन्होंने आईपीसी और पॉक्सो एक्ट के तहत विभिन्न अपराधों में अपनी सजा को चुनौती दी थी। हाईकोर्ट ने उनकी अपीलों को आंशिक रूप से स्वीकार करते हुए...

साथ-साथ पॉक्सो एक्ट की धाराओं सात और 11 के तहत दोषी ठहराते हुए तीन से सात साल तक के कठोर कारावास की सजा सुनाई थी। इस फैसले के खिलाफ आरोपियों ने हाईकोर्ट का दरवाजा खटखटाया था। क्या कहा न्यायाधीश ने? सुनवाई के दौरान जस्टिस सनप ने कहा, 'किसी लड़की का एक बार पीछा किया जाना आईपीसी की श्रेणी में नहीं रखा जा सकता। कानून यह कहता है कि अगर बार-बार या लगातार पीछा किया जाता है तो इसे स्टॉकिंग माना जाएगा।' अपराध को साबित करने के लिए सबूतों की जरूरत समीक्षा के बाद, उच्च न्यायालय ने पाया कि...

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