मध्य प्रदेश के बुरहानपुर में स्थित भिलाला समाज 500 साल से भी पुरानी एक अनोखी परंपरा को अपनाता है, जिसमें दहेज प्रथा उल्टी होती है। यहां दूल्हे का परिवार दुल्हन के परिवार को दहेज देता है। परंपरागत शादी में ₹80,000 का दहेज दिया जाता है, जबकि प्रेम विवाह में ₹2.5 लाख तक का दहेज दिया जाता है। दहेज की बढ़ती राशि के कारण कई परिवारों को आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। भिलाला समाज इस परंपरा को कम करने के लिए प्रयास कर रहा है और ₹50,000 तक की सीमा तय करने की कोशिश कर रहा है।
मोहन ढाकले, बुरहानपुर : मध्य प्रदेश का बुरहानपुर अपने समृद्ध सांस्कृतिक इतिहास और अनूठी परंपरा ओं के लिए जाना जाता है. यहां स्थित भिलाला समाज 500 साल पुरानी एक विशेष परंपरा को आज भी जीवंत रखे हुए है. आम तौर पर जहां भारत में दहेज प्रथा के तहत दुल्हन का परिवार दूल्हे वालों को दहेज देता है, वहीं भिलाला समाज में यह परंपरा उल्टी है. यहां दूल्हे का परिवार दुल्हन के परिवार को दहेज देता है. 500 साल पुरानी परंपरा का निर्वहन भिलाला समाज की यह परंपरा 500 साल पुरानी है, जो आज भी कायम है.
हमारा उद्देश्य है कि कोई भी परिवार आर्थिक दबाव में न आए.” जमीन बेचकर चुकाते हैं दहेज समाज के कुछ सदस्यों ने बताया कि दहेज की उच्च राशि के कारण कई परिवारों को आर्थिक कठिनाइयों का सामना करना पड़ता है. यदि किसी के पास पर्याप्त धन नहीं होता, तो वे अपने खेत या जमीन बेचकर दहेज की राशि जुटाते हैं. यह परंपरा शादी के एक महीने बाद आयोजित पंचायत के माध्यम से पूरी होती है. पंचायत दहेज की राशि तय करती है, जिसे दूल्हे के परिवार द्वारा दुल्हन के परिवार को दिया जाता है.
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