नाइट फ्रैंक ने अपनी रिपोर्ट में खाली पड़े शॉपिंग केंद्रों की संख्या में वृद्धि के चलते 2023 में 6,700 करोड़ रुपये या 79.8 करोड़ अमेरिकी डॉलर का नुकसान होने का अनुमान लगाया है.
नई दिल्ली. पिछले 2 दशक में मॉल से शॉपिंग करने का क्रेज लोगों में बढ़ा है इसलिए बड़े-बड़े शहरों में मॉल तेजी से खुले और इनमें व्यवसायिक निवेश बढ़ा. लेकिन, मॉल कल्चर से शायद अब लोगों का मोहभंग होता जा रहा है. दरअसल देश के 8 प्रमुख शहरों में खाली पड़े शॉपिंग मॉल की संख्या पिछले साल 57 से बढ़कर 64 हो गई. इसकी वजह रिटेल इन्वेस्टर्स और ग्राहक मॉल में कमर्शियल स्पेस खरीदने के बजाय प्रीमियम प्रॉपर्टीज में निवेश को प्राथमिकता दे रहे हैं.
क्षेत्रफल की बात करें तो यह पिछले वर्ष के 84 लाख वर्ग फुट से 58 प्रतिशत अधिक है. नाइट फ्रैंक ने खाली पड़े शॉपिंग केंद्रों की संख्या में वृद्धि के चलते 2023 में 6,700 करोड़ रुपये या 79.8 करोड़ अमेरिकी डॉलर का नुकसान होने का अनुमान लगाया है.
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