मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने बुरहानपुर कलेक्टर के एक व्यक्ति को NSA के तहत जिले से बाहर निकालने के आदेश को रद्द कर दिया है। कोर्ट ने राज्य सरकार पर 50,000 रुपये का जुर्माना भी लगाया है।
जबलपुर: मध्य प्रदेश हाई कोर्ट ने बुरहानपुर कलेक्टर के NSA आदेश को रद्द कर दिया है। कलेक्टर ने एक व्यक्ति को जिले से बाहर निकालने का आदेश दिया था। कोर्ट ने राज्य सरकार पर 50,000 रुपए का जुर्माना भी लगाया है। कोर्ट ने कहा कि यह पैसा कलेक्टर से वसूला जा सकता है। कोर्ट ने चिंता जताई कि कलेक्टर NSA कानून का सही इस्तेमाल नहीं कर रहे हैं। वे राजनीतिक दबाव में बिना सोचे समझे आदेश पारित कर रहे हैं। कोर्ट ने मुख्य सचिव को सभी कलेक्टरों की बैठक बुलाने को कहा है। इस बैठक में NSA कानून का सही मतलब और मकसद
समझाया जाएगा।\यह मामला अनंत राम अवसे नाम के व्यक्ति का है। बुरहानपुर कलेक्टर ने 23 जनवरी 2024 को उन्हें NSA के तहत एक साल के लिए जिले से बाहर निकालने का आदेश दिया था। अवसे ने इंदौर संभागीय आयुक्त के सामने अपील की लेकिन 14 अक्टूबर 2024 को इसे खारिज कर दिया गया। फिर अवसे ने हाई कोर्ट का दरवाजा खटखटाया। उनका तर्क था कि NSA के तहत निष्कासन आदेश कानून के खिलाफ है। उन्होंने यह भी कहा कि एक भी गवाह का बयान दर्ज किए बिना आदेश पारित किया गया था।\अवसे पर वन अधिनियम के तहत दर्ज थे मामले। जस्टिस विवेक अग्रवाल की पीठ ने मामले की सुनवाई की। उन्होंने पाया कि अवसे पर 2018 और 2023 के बीच वन अधिनियम के तहत 11 मामले दर्ज थे। 2019 में दंगा करने और 2023 में हत्या के प्रयास का भी मामला दर्ज था। सरकारी वकील ने माना कि वन अधिनियम के तहत दर्ज मामले NSA की धारा 6 के तहत नहीं आते। सरकारी वकील ने यह भी तर्क दिया कि अवसे एक आदिवासी इलाके में काम करते हैं। लोग उनके खिलाफ बयान देने से डरते हैं। लेकिन जब अदालत ने पूछा कि बयान दर्ज करने के लिए कितने लोगों से संपर्क किया गया, तो वकील जवाब नहीं दे सके। उन्होंने कहा कि अवसे के खिलाफ दो आपराधिक मामले हैं। इनके आधार पर उन्हें NSA के प्रावधानों के तहत जिले से बाहर किया जा सकता है।\एनएसए के तहत बाहर नहीं किया जा सकता। वहीं, जस्टिस अग्रवाल ने कहा कि सिर्फ आपराधिक मामला दर्ज होने से किसी को NSA के तहत बाहर नहीं किया जा सकता। कलेक्टर ने अपने निष्कासन आदेश में वन अधिनियम के तहत दर्ज मामलों का जिक्र किया है, जो प्रासंगिक नहीं है। हाई कोर्ट के आदेश में कहा गया है कि जिला कलेक्टर और संभागीय आयुक्त ने कानून के खिलाफ आदेश पारित किया है। इसके अलावा, जिला कलेक्टर ने मामले में बयान दर्ज करने के लिए क्षेत्र के लोगों से संपर्क करने के बारे में गलत जानकारी दी है। इस टिप्पणी के साथ, जज ने कलेक्टर के आदेश को रद्द कर दिया और राज्य पर 50,000 रुपये का जुर्माना लगाया। सभी को ट्रेनिंग देने को कहा\हाई कोर्ट ने राज्य के मुख्य सचिव को सभी जिला कलेक्टरों की एक बैठक बुलाने का निर्देश दिया है। इस बैठक में कलेक्टरों को NSA के 'अर्थ और मंशा' के बारे में बताया जाएगा। ताकि वे 'राजनीतिक दबाव में और बिना दिमाग लगाए' NSA के तहत आदेश पारित न करें। हाई कोर्ट ने इस बात पर चिंता जताई है कि कलेक्टर NSA कानून का गलत इस्तेमाल कर रहे हैं। वे राजनीतिक दबाव में आकर बिना सोचे-समझे आदेश जारी कर देते हैं
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