मनमोहन सिंह को दिल्ली में किताबों और खाने का प्यार था

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मनमोहन सिंह को दिल्ली में किताबों और खाने का प्यार था
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प्रमुख पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह के बारे में दिल्ली में अपने पसंदीदा स्थानों और खाने की बातों को उनके परिवार के लोगों ने बताया है।

पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह का गुरुवार को निधन हो गया। दिल्ली में उन्हें किताबों, खाने और परिवार के साथ आनंद मिलता था। मनमोहन सिंह व्यस्त समय से अपने और परिवार के लिए अलग पलों को संजोकर रखते थे और अपने प्रियजनों के साथ किताबों की दुकानों और मशहूर खाने-पीने की दुकानों में समय व्यतीत करते थे। उनकी बेटी दमन सिंह ने अपने संस्मरण स्ट्रिक्टली पर्सनल में इसके बारे में बताया है। उन्होंने कहा कि हमारी सबसे रोमांचक यात्राएं किताबों की दुकानों पर होती थीं। इसमें कश्मीरी गेट में रामकृष्ण एंड संस, कनाट

प्लेस में गलगोटिया और न्यू बुक डिपो में अपने परिवार के साथ घंटों बिताते थे। लेकिन दिल्ली की पाक कला में उनकी अलग दिलचस्पी थी। कमला नगर के कृष्णा स्वीट्स के डोसा का लुत्फ उठाया करते थे। मनमोहन सिंह की बेटी ने अपने संस्मरण में बताया कि हर दो माह में हम पहले से तय जगहों पर खाने के लिए जाते थे। इसमें दक्षिण भारतीय भोजन के लिए कमला नगर में कृष्णा स्वीट्स के डोसा और इडली का लुत्फ उठाया करते थे, मुगलई खाने के लिए दरियागंज में तंदूर, चाइनीज के लिए मालचा मार्ग पर फुजिया और मिठाई के लिए बंगाली मार्केट जाया करते थे। लगभग तीन साल पहले हुआ था आखिरी बार टेकअवे फुजिया के मालिक मनप्रीत सिंह ने बताया कि पहले मनमोहन सिंह अक्सर हमारे रेस्तरां में आते थे। उन्हें खास तौर पर गर्म और खट्टे सूप और स्प्रिंग रोल पसंद थे। बच्चों को अमेरिकी चापसुई बहुत पसंद थी। वे घर पर डिलीवरी के लिए खाना लेने के लिए किसी को भेजते थे। आखिरी बार टेकअवे लगभग तीन साल पहले हुआ था और वे आखिरी बार वर्ष 2007 में आए थे। संदेश और रसगुल्ला जैसी मिठाइयां मनमोहन सिंह को थी पसंद उनके रेस्तरां की तरफ से बताया गया कि यही नहीं उनके राहुल गांधी भी अक्सर आते हैं, लेकिन उनकी निजता को ध्यान में रखते हुए वे फोटो नहीं लेते। भीमसेन बंगाली स्वीट हाउस के मालिक जगदीश अग्रवाल ने कहा कि मनमोहन सिंह का परिवार अक्सर हमारी दुकान पर आता था। उन्होंने बताया कि पूर्व प्रधानमंत्री को मिठाई बहुत पसंद थी। संदेश और रसगुल्ला जैसी मिठाइं उन्हें पसंद थीं

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