रिटायर्ड जस्टिस के हेमा की अगुवाई वाली कमेटी की रिपोर्ट जमा किए जाने के साढ़े चार साल बाद केरल सरकार ने इसे जारी किया है. इस रिपोर्ट में केरल फ़िल्म उद्योग में महिलाओं के साथ होने वाले यौन उत्पीड़न पर गंभीर दावे किए गए हैं.
मलयालम फ़िल्म इंडस्ट्री में आम है महिलाओं का यौन शोषण, कोडवर्ड भी तय: जस्टिस हेमा कमेटी की रिपोर्ट में क्या-क्या बताया गया?केरल हाई कोर्ट की रिटायर्ड जज की अगुवाई वाली एक कमेटी ने कहा है कि मलयालम फ़िल्म उद्योग में "कास्टिंग काउच" बहुत गहरे तौर पर जड़ जमाए हुए है.
रिपोर्ट में कहा गया है, "यह बहुत भयानक था. शूटिंग के दौरान महिला के साथ जो कुछ हुआ था, उसकी वजह से उनके चेहरे पर ग़ुस्सा और नफ़रत साफ़ झलक रही थी. सिर्फ़ एक शॉट के लिए 17 रीटेक लेने पड़े थे. इसके लिए डायरेक्टर ने महिला की आलोचना की."रिपोर्ट के अनुसार, "सिनेमा में एक आम धारणा है कि महिलाएं सिनेमा में पैसे बनाने आती हैं और वो किसी भी चीज़ के लिए आत्मसमर्पण कर देंगी. सिनेमा में काम करने वाले आदमी इस बात की कल्पना भी नहीं कर सकते कि कला और अभिनय के प्रति जुनून की वजह से वो आती हैं.
साल 2017 में बनी डब्ल्यूसीसी जागरूकता और नीतियों में बदलाव के मार्फ़त सिनेमा में महिलाओें की लैंगिक समानता के लिए काम करती है.कमेटी के सदस्यों को लगता है कि उनकी चिंताएं आखिरकार सही साबित हुईं और उन्होंने सरकार से कार्रवाई की मांग की है. रिपोर्ट की सबसे अहम टिप्पणी शायद ये है कि "इसके सामने रखे गए सबूतों के अनुसार, फ़िल्म उद्योग में यौन उत्पीड़न हैरतअंगेज़ रूप से आम है और यह बेरोकटोक और अनियंत्रित बना हुआ है."
फ़िल्म हिस्टोरियन ओके जॉनी ने बीबीसी हिंदी से कहा, "मलयालम फ़िल्म उद्योग देश में मौजूद अन्य भाषाओं के फ़िल्म उद्योग के मुकाबले सबसे छोटा है. लेकिन यह बहुत कुख्यात भी है. ये बड़ा माफ़िया है, जो महिला विरोधी और जनता विरोधी है." जब महिलाओं ने उस काम को छोड़ दिया तो तीन महीने काम करने के बावजूद पैसा नहीं दिया गया. महिलाओं ने कहा कि शूट के दौरान उन्हें होटल में भी सुरक्षित नहीं लगता था.
हेयर स्टाइलिस्ट और मेकअप आर्टिस्ट के लिए काम के हालात और बदतर हैं क्योंकि उनकी यूनियनों ने कामकाजी हालात और वेतन को नियंत्रित करने वाले क़ानूनों का उल्लंघन किया था. कमेटी ने फ़िल्म उद्योग को चलाने के लिए एक क़ानून और एक ऐसे ट्राइब्यूनल को गठित करने की सिफ़ारिश की है जिसकी अगुवाई महिला जज करें ताकि महिलाओं की सुरक्षा सुनिश्चित की जा सके.
मलयालम फिल्म उद्योग पर व्यापक रूप से रिपोर्ट करने वाली मशहूर फ़िल्म समीक्षक अन्ना एमएम वेट्टीकाड के पास इसका जवाब है.
इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें
Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।
जस्टिस हेमा समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा, 'मलयालम फिल्म इंडस्ट्री पर माफिया का राज'जस्टिस हेमा समिति ने अपनी रिपोर्ट में कहा, 'मलयालम फिल्म इंडस्ट्री पर माफिया का राज'
और पढो »
जस्टिस हेमा रिपोर्ट : मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में महिलाओं के यौन शोषण पर केरल के विपक्षी दलों ने की पुलिस जांच की मांगजस्टिस हेमा रिपोर्ट : मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में महिलाओं के यौन शोषण पर केरल के विपक्षी दलों ने की पुलिस जांच की मांग
और पढो »
मलयालम फिल्म इंडस्ट्री का खुल गया काला सच, अभिनेत्रियों के साथ होता था यौन उत्पीड़न; हेमा कमेटी की रिपोर्ट में हुआ खुलासामलयालम फिल्म इंडस्ट्री को लेकर चौंकाने वाले खुलासे हुए हैं। सोमवार को जस्टिस हेमा कमेटी की रिपोर्ट सामने आई। पीटीआई के मुताबिक इस रिपोर्ट में मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में महिलाओं के साथ हो रहे यौन उत्पीड़न की बात कही गई है। रिपोर्ट में यह भी कहा गया है कि महिलाओं को यौन संबंधों की मांग के साथ काम दिया जाता...
और पढो »
संपादकीय: असुरक्षित औरतें,मॉलिवुड पर जस्टिस हेमा कमिटी की रिपोर्टजस्टिस हेमा कमिटी की रिपोर्ट में मलयालम फिल्म इंडस्ट्री में महिलाओं के खिलाफ 17 प्रकार के शोषण का उल्लेख है। रिपोर्ट को सार्वजनिक करने में पांच साल लगे। इस रिपोर्ट में यौन उत्पीड़न रोकने वाले कानूनों की सीमाओं और ताकतवर लॉबी के प्रभाव का भी वर्णन है। रिपोर्ट में महिलाओं की असुरक्षा पर जोर दिया गया...
और पढो »
'मलयालम फिल्म इंडस्ट्री पर माफिया का राज' जस्टिस हेमा समिति की रिपोर्ट में खुलासा, टॉप एक्टर्स के नाम भी शा...मलयालम फिल्म इडंस्ट्री में महिला कलाकारों के अनुकूल माहौल नहीं है. उन्हें कास्टिंग काउच सहित तमाम तरह की दिक्क्तों का सामना करना पड़ता है. जस्टिस हेमा समिति की रिपोर्ट में खुलासा हुआ है कि मलयालम फिल्म इंडस्ट्री पर माफिया का राज है. रिपोर्ट में कई बड़े एक्टर्स के नाम शामिल हैं.
और पढो »
उंगलियों से आती हैं चटकने की आवाज, क्या ये किसी गंभीर बीमारी का है संकेतउंगलियों से आती हैं चटकने की आवाज, क्या ये किसी गंभीर बीमारी का है संकेत
और पढो »