महाकुंभ के आगमन के साथ प्रयागराज में साधु-संतों का आना शुरू हो गया है. संगम के तट पर इन दिनों कई हठयोगियों का रहस्यमयी संसार देखने को मिल रहा है, जो लोगों को अचरज में डाल रहा है.
रिपोर्ट: कुमार अभिषेक यूपी के प्रयागराज में देश-दुनिया से साधु-संत पहुंच रहे हैं. वहीं बड़ी संख्या में भक्त यहां स्नान करने और दर्शन के लिए पहुंचने लगे हैं.संगम के तट पर इन दिनों बाबाओं का ऐसा रहस्यमयी संसार देखने को मिल रहा है, जो अचरज में डाल देने वाला है.बता दें कि 13 जनवरी से संगम क्षेत्र में मकर संक्रांति के स्नान के साथ ही महाकुंभ की शुरुआत हो जाएगी. यहां एक-एक कर अखाड़े पहुंच रहे हैं.यहां हठयोगी गीतानंद गिरी भी पहुंचे हैं, जिनके सिर पर 45 किलो के रुद्राक्ष रहते हैं.
इनका कहना है कि जनकल्याण के लिए ये हठयोग है, जिसे अपने गुरु से सीखा है.महाकाल गिरी अद्भुत भी प्रयागराज पहुंचे हैं, ये संत ऐसे हठयोगी हैं, जिन्होंने 9 साथ से अपना बायां हाथ ऊपर खड़ा रखा है.बाबा का हाथ लकड़ी की तरह अकड़ चुका है. नाखून टेढ़े मेढ़े हैं. उसमें जान नहीं बची. ये साधु कहते हैं कि ये धर्म ध्वजा है, इसे गौ माता के प्रति श्रद्धा बताते हैं.आवाहन अखाड़े हठयोगी खडेश्वर महाराज 11 साल से खड़े हैं, पैर को जमीन से ऊपर नहीं उठाया.ये संत कहते हैं कि धर्म कल्याण के लिए ये तपस्या है.इनके पैर सूजकर पत्थर जैसे हो चुके हैं. पैर में घाव भी हैं.हठयोगी इंद्रगिरी 4 साल से ऑक्सीजन सिलेंडर से सांस ले रहे हैं. फेफड़े खराब हैं, वे कहते हैं कि ऐसे ही शाही स्नान करेंगे. भजन करेंगे. डॉक्टर ने कुछ साल पहले जवाब दे दिया था
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