यहाँ रामलला के प्रथम पाटोत्सव और महाकुंभ के संयोजन को बताया गया है।
प्रहलाद तिवारी, अयोध्या । रामनगरी व कुंभ नगरी प्रयागराज के बीच त्रेतायुग से अटूट गहरा नाता रहा है। धार्मिक व आध्यात्मिक रूप से दोनों अभिन्न हैं। प्रयागराज में इस वर्ष महा कुंभ का आयोजन हो रहा है और इसकी शुरुआत 13 जनवरी से होगी। इस दौरान रामनगरी रामलला के प्रथम पाटोत्सव के उत्साह में डूबी होगी। 11 से 13 जनवरी तक रामलला के प्रथम पाटोत्सव को लेकर रामनगरी में तीन दिन तक उत्सव रहेगा और लाखों श्रद्धालु पाटोत्सव के साक्षी बनेंगे। अयोध्या व प्रयागराज में एक साथ आस्था का कुंभ दिखाई देगा। 13 जनवरी को प्रथम
स्नान पर्व पौष पूर्णिमा के साथ ही महाकुंभ में श्रद्धालुओं, संत, महंत, धर्माचार्यों का ज्वार उमड़ेगा। अगले दिन 14 जनवरी को दूसरा मुख्य स्नान पर्व मकर संक्रांति है। इस दिन रामनगरी में भी लाखों श्रद्धालु सरयू में डुबकी लगा कर पुण्य अर्जित करते हैं। उम्मीद जताई जा रही है कि पाटोत्सव में शामिल होने के लिए आने वाले श्रद्धालु मकर संक्रांति का पुण्य स्नान कर रामनगरी से प्रस्थान करेंगे। महाकुंभ में शामिल श्रद्धालु संगम में डुबकी लगा कर अयोध्या आते थे। इस बार भी यह परंपरा रहेगी, लेकिन रामलला के प्रथम पाटोत्सव को लेकर तमाम साधु संत व श्रद्धालु इस बार पहले रामनगरी आएंगे, फिर रामनगरी से प्रयागराज को प्रस्थान करेंगे। अयोध्या कुंभ मेले के दौरान धार्मिक और सांस्कृतिक दृष्टि से अहम भूमिका निभाती है। कुंभ में संगम स्नान के बाद यहां लाखों श्रद्धालु आते हैं और पुण्य सलिला सरयू में स्नान कर रामलला का आशीर्वाद लेते हैं। महाकुंभ 2025 के लिए अयोध्या में तैयारियां जोरों पर हैं। यहां श्रद्धालुओं की सुविधा के लिए व्यवस्थाएं भी की जा रही हैं। इसके पीछे मान्यता है कि कुंभ के पश्चात स्वयं प्रयागराज अपनी कांति काया को श्वेत करने के लिए सरयू स्नान के लिए आते हैं। टूर पैकेज में भी छाया रामलला का पाटोत्सव पर्यटन विभाग सहित रेलवे के टूर पैकेज प्लान में भी इस बार कुंभ के साथ ही अयोध्या दर्शन का कार्यक्रम निर्धारित किया गया है। इसमें रामलला के विग्रह की प्राण प्रतिष्ठा की पहली वर्षगांठ पर होने वाले उत्सवों में शामिल होने की जानकारी दी जा रही है। कई टूरिस्ट कंपनियां भी अपने पैकेज में रामलला के पाटोत्सव के साथ महाकुंभ स्नान का उल्लेख कर रही हैं
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