भारत सरकार द्वारा लागू होने वाले यूनीफाइड सिविल कोड (यूसीसी) के अनुसार पंजीकरण की प्रक्रिया में परिवर्तन आने वाला है। पति-पत्नी मिलकर एक फॉर्म भरेंगे और विवाह की तिथि से 60 दिन के भीतर इसे सब रजिस्ट्रार के सामने प्रस्तुत किया जाएगा। यूसीसी के तहत विवाह की न्यूनतम उम्र और पंजीकरण प्रक्रिया की स्पष्टता लाने के साथ-साथ जुर्माना और कारावास की सजा भी शामिल है।
यूसीसी लागू होने के बाद पंजीकरण की प्रक्रिया में पति-पत्नी मिलकर एक फार्म भरेंगे। विवाह की तिथि से 60 दिन के भीतर यह फ़ॉर्म सब रजिस्ट्रार के सामने प्रस्तुत किया जाएगा। इसमें एक शर्त होगी कि दोनों में से कम से कम एक व्यक्ति राज्य में निवास करता हो। इसी प्रकार, 2010 के पहले विवाहों वाले जोड़ों के लिए भी औपचारिकताएं होंगी।\सरकार यूसीसी के तहत राज्य सरकार सचिव स्तर के अधिकारी को रजिस्ट्रार जनरल (महानिबंधक) नियुक्त करेगी। इसके बाद उपजिलाधिकारी स्तर तक के अधिकारियों को रजिस्ट्रार और क्षेत्रों के
लिए सब रजिस्ट्रार तैनात किए जाएंगे।\यूसीसी में विवाह के लिए न्यूनतम उम्र का प्रावधान किया गया है। पुरुष की न्यूनतम उम्र 21 वर्ष और स्त्री की न्यूनतम उम्र 18 वर्ष होगी। कोई भी व्यक्ति जो विवाह होने के बाद जानबूझकर पंजीकरण नहीं कराएगा या उपेक्षा करेगा, उस पर सब रजिस्ट्रार 10 हजार का जुर्माना लगा सकते हैं। जो व्यक्ति पंजीकरण में गलत तथ्य प्रस्तुत करेगा या कूटरचित दस्तावेज लगाएगा, उसे तीन माह की जेल और 25 हजार रुपये का जुर्माना या दोनों लग सकते हैं। जो सब रजिस्ट्रार पंजीकरण प्रक्रिया, विच्छेद पर 15 दिन के भीतर एक्शन नहीं लेगा, उस पर भी 25 हजार रुपये तक का जुर्माना लग सकता है। सब रजिस्ट्रार खुद भी ले सकते हैं संज्ञान अगर कोई विवाह होता है और उसका पंजीकरण नहीं होता तो सब रजिस्ट्रार इसका खुद भी संज्ञान ले सकेगा। वह नोटिस भेजेगा, जिस पर 30 दिन के भीतर ज्ञापन प्रस्तुत करना होगा। ऐसा न करने पर 25 हजार का जुर्माना लगेगा। पंजीकरण न कराने पर कोई विवाह अविधिमान्य नहीं होगा
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