ललिता जयंती, माता ललिता के अवतरण दिवस को मनाया जाता है। यह दिन माघ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर आता है। 2025 में ललिता जयंती 12 फरवरी को बुधवार को मनाई जाएगी। इस लेख में ललिता जयंती की तिथि, पूजा विधि और महत्व के बारे में जानकारी दी गई है।
हर साल माघ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि पर ललिता जयंती मनाई जाती है। इस दिन माता ललिता , जिन्हें शक्ति का अवतार माना जाता है, की पूजा-अर्चना की जाती है। माता ललिता असल में दस महाविद्याओं में से तीसरी महाविद्या हैं। इस प्रकार ललिता जयंती का दिन माता ललिता के अवतरण दिवस के रूप में मनाया जाता है। ललिता जयंती , जिसे षोडशी जयंती के नाम से भी जाना जाता है, 2025 में बुधवार, 12 फरवरी को मनाई जाएगी। ललिता जयंती शुभ मुहूर्त (Lalita Jayanti 2025 Muhurat) माघ माह के शुक्ल पक्ष की पूर्णिमा तिथि की
शुरुआत 11 फरवरी को शाम 06 बजकर 55 मिनट पर हो रही है। वहीं इस तिथि का समापन 12 फरवरी को शाम 07 बजकर 22 मिनट पर होगा। \ ललिता जयंती के दिन मां ललिता की पूजा विधि के अनुसार सूर्यास्त से पहले उठें। स्नान आदि से निवृत होने के बाद सफेद रंग के वस्त्र धारण करें। पूजा स्थल की सफाई करने के बाद गंगाजल का छिड़काव करें। एक चौकी पर सफेद रंग का कपड़ा बिछाकर मां ललिता की तस्वीर स्थापित करें। मां ललिता की तस्वीर की जगह आप श्रीयंत्र की भी स्थापना कर सकते हैं। पूजा में देवी को कुमकुम, अक्षत, फल-फूल और दूध से बनी खीर अर्पित करें। अंत में देवी ललिता की कथा का पाठ कर आरती करें। अंत में सभी लोगों में विशेषकर छोटी कन्याओं में प्रसाद बांटें। \देवी पुराण में माता ललिता का वर्णन मिलता है। धार्मिक मान्यता है कि माता ललिता की पूजा-अर्चना से भक्तों को मोक्ष की प्राप्ति हो सकती है। साथ ही यह भी कहा जाता है कि माता ललिता की पूजा करने से व्यक्ति को सभी प्रकार की सिद्धियां प्राप्त हो सकती हैं
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