बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख और यूपी की पूर्व मुख्यमंत्री मायावती ने आरक्षण पर आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले पर सवाल उठाया है. उन्होंने इसे विभाजनकारी बताया है. उन्होंने पूछा है कि बीजेपी और कांग्रेस की सरकारों ने इसे नौवीं अनुसूची में क्यों नहीं डाला.
आरक्षण पर गुरुवार को आए सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद बहुजन समाज पार्टी की प्रमुख मायावती ने प्रतिक्रिया दी है. उन्होंने&n bsp ;अनुसूचित जाति एवं अनुसूचित जनजाति में सब कैटेगरी बनाने के फैसले का विरोध किया है. इसके साथ ही उन्होंने बीजेपी और कांग्रेस पर निशाना साधा है. उन्होंने सवाल पूछा है कि सरकार ने इसे संविधान की नौवीं अनुसूची में क्यों नहीं डाला था.
देश के एससी, एसटी व ओबीसी बहुजनों के प्रति कांग्रेस व भाजपा दोनों ही पार्टियों/सरकारों का रवैया उदारवादी रहा है सुधारवादी नहीं। वे इनके सामाजिक परिवर्तन व आर्थिक मुक्ति के पक्षधर नहीं वरना इन लोगों के आरक्षण को संविधान की 9वीं अनुसूची में डालकर इसकी सुरक्षा जरूर की गयी होती।— Mayawati August 2, 2024बीजेपी के राज्य सभा सदस्य ने क्या कहा वहीं बीजेपी के राज्यसभा सदस्य और उत्तर प्रदेश अनुसूचित जाति और जनजाति आयोग के पूर्व अध्यक्ष बृजलाल ने भी इस फैसले पर प्रतिक्रिया दी है.
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