सीबीआई ने क्रिप्टो में निवेश का लालच देकर लोगों को ठगने वाले एक बड़े रैकेट का भंडाफोड़ किया है। सीबीआई ने लोगों से 350 करोड़ की ठगी करने के मामले में शुक्रवार को सात राज्यों पर छापेमारी की। सीबीआई का आरोप है कि सातों आरोपी अलग-अलग मॉड्यूल चलाते थे। आरोपियों ने इनके केंद्र दिल्ली, हजारीबाग, बठिंडा, रतलाम, वलसाड, पुदुक्कोट्टी और चित्तौड़गढ़ में बना रखे थे। आरोपी भोले-भाले लोगों को क्रिप्टोकरेंसी में निवेश कर मोटा रिटर्न कमाने का झांसा देते थे और उनके पैसे हड़प लेते थे। सीबीआई के प्रवक्ता ने
बताया कि इन पोंजी योजनाओं को अलग-अलग सोशल मीडिया ग्रुप के जरिये प्रचारित किया जा रहा था। बैंक खातों और क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट के विश्लेषण से पता चला कि इन योजनाओं से हुई अवैध आय को क्रिप्टोकरेंसी में बदल दिया गया ताकि यह पता न चल सके कि पैसे आए कहां से थे। बताया जाता है कि अब तक आरोपी 350 करोड़ रुपये का लेन-देन कर चुके हैं। बृहस्पतिवार को जांच एजेंसी ने दिल्ली, झारखंड, पंजाब, मध्य प्रदेश, गुजरात, तमिलनाडु और राजस्थान के कई ठिकानों पर छापे मारे। तलाशी में एजेंसी को आरोपियों के क्रिप्टोकरेंसी वॉलेट में करीब 38,414 डॉलर की डिजिटल वर्चुअल संपत्ति मिली। इसे जांच के लिए जब्त कर लिया गया है। 34 लाख नकद, कई डिजिटल उपकरण जब्त तलाशी के दौरान करीब 34.2 लाख रुपये नकद भी मिले। एजेंसी ने सात मोबाइल फोन, एक लैपटॉप, एक टैबलेट, तीन हार्ड डिस्क, 10 पेन ड्राइव, कई मेमोरी कार्ड, सिम कार्ड, एटीएम-डेबिट कार्ड, ईमेल खातों की जानकारी और अपराध से संबंधित कई दस्तावेज जब्त किए हैं। ऑनलाइन लोन, यूपीआई फ्रॉड आदि से भी फंसाते थे अधिकारी ने बताया कि जांच के दायरे में आए खातों से पता चला कि दो साल में करीब 350 करोड़ रुपये का लेन-देन हुआ है। इन घोटालेबाजों के पीड़ितों को ऑनलाइन लोन, ऑनलाइन लकी ड्रा, यूपीआई फ्रॉड, इंटरनेट बैंकिंग स्कैम के जरिये भी फंसाया जाता था। आरोपियों ने क्वाइनडीसीएक्स, वजीरएक्स, जेबपे और बिटबीएनएस जैसे क्रिप्टोकरेंसी एक्सचेंज में कई वॉलेट में निवेश कर रखा था। पुराने कानून के तहत दर्ज किया गया केस एजेंसी ने भारतीय दंड संहिता की धारा 120 बी के तहत आपराधिक साजिश, धारा 420 के तहत धोखा देना और सूचना प्रौद्योगिकी कानून 2000 की धारा 66डी के तहत मामला दर्ज किया है। अधिकारी ने बताया पुराने कानूनों के तहत केस इसलिए दर्ज किया गया है क्योंकि यह तीन नए आपराधिक कानून लागू होने से पहले से चल रही जांच का हिस्सा है
क्रिप्टो ठगी सीबीआई छापेमारी रैकेट धोखाधड़ी
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