भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को यति नरसिंहानंद द्वारा आयोजित धर्म संसद पर कार्रवाई करने से इनकार कर दिया, जिसमें नागरिक समाज ने उत्तर प्रदेश सरकार की विफलता का आरोप लगाया था.
भारत के सर्वोच्च न्यायालय ने गुरुवार को गाजियाबाद में कट्टरपंथी हिंदुत्ववादी नेता यति नरसिंहानंद द्वारा आयोजित धर्म संसद के खिलाफ कार्रवाई करने में उत्तर प्रदेश सरकार की विफलता का आरोप लगाने वाली याचिका पर विचार करने से इनकार कर दिया.
पूर्व नौकरशाहों सहित नागरिक समाज के सदस्यों के एक समूह द्वारा दायर याचिका में कहा गया था कि गाजियाबाद जिला प्रशासन और उत्तर प्रदेश पुलिस ने जानबूझकर सुप्रीम कोर्ट के आदेशों की अवमानना की है, जिसमें सभी सक्षम अधिकारियों को सांप्रदायिक गतिविधियों और नफरती भाषणों में लिप्त व्यक्तियों या समूहों के खिलाफ स्वत: संज्ञान लेते हुए कार्रवाई करने का निर्देश दिया गया था. भारत के मुख्य न्यायाधीश संजीव खन्ना और जस्टिस पी.वी. संजय कुमार की पीठ ने कहा, ‘अन्य मामले भी समान रूप से गंभीर हैं. अगर हम इस पर विचार करेंगे तो हम पर बहुत दबाव पड़ेगा. आपको उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाना चाहिए. हम इस पर विचार नहीं कर सकते.’ याचिकाकर्ताओं की ओर से पेश हुए अधिवक्ता प्रशांत भूषण ने बताया कि नरसिंहानंद को इस शर्त पर जमानत दी गई थी कि वह नफरत फैलाने वाले भाषण में शामिल नहीं होंगे, जबकि अदालत ने कहा कि याचिकाकर्ताओं को जमानत रद्द करने के लिए उच्च न्यायालय का दरवाजा खटखटाना चाहिए. अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार से इस कार्यक्रम की निगरानी करने और यह सुनिश्चित करने को कहा कि इसे वीडियो पर रिकॉर्ड किया जाए. अदालत ने कहा, ‘अतिरिक्त सॉलिसिटर जनरल (केएम) नटराज, कृपया अधिकारियों से कहें कि वे मामले पर नज़र रखें और वीडियो रिकॉर्डिंग रखी जाए. सिर्फ़ इसलिए कि हम इस पर विचार नहीं कर रहे हैं, इसका मतलब यह नहीं है कि हम इस मुद्दे से बच रहे हैं.’ याचिकाकर्ताओं का कहना है कि इस संसद की वेबसाइट और विज्ञापनों में इस्लाम के अनुयायियों के खिलाफ कई सांप्रदायिक बयान शामिल हैं और मुसलमानों के खिलाफ हिंसा भड़काने वाले हैं. उत्तर भारत में कई जगहों पर पहले भी धर्म संसद के आयोजन खुलेआम सांप्रदायिक विषयों के कारण चर्चा में रहे हैं.देने के आरोप में पुलिस ने यति नरसिंहानंद, अखिल भारतीय हिंदू महासभा की राष्ट्रीय महासचिव पूजा शकुन पांडे और उनके पति अशोक पांडे के खिलाफ केस दर्ज किया था
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