समाजवादी पार्टी सांसद इकरा चौधरी की प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट के समर्थन में दाखिल याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने स्वीकृत कर दी है. कोर्ट ने इस याचिका को पहले से दाखिल दूसरी याचिकाओं के साथ जोड़ने की अनुमति दी है.
उत्तर प्रदेश के कैराना से समाजवादी पार्टी की सांसद इकरा चौधरी के लिए अच्छी खबर है. सुप्रीम कोर्ट ने प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट के समर्थन में कैराना से सपा सांसद इकरा चौधरी की याचिका को सुप्रीम कोर्ट ने पहले से दाखिल दूसरी याचिकाओं के साथ जोड़ने की इजाजत दी है. कोर्ट ने टिप्पणी करते हुए कहा कि हर सप्ताह इस तरह की याचिकाएं दाखिल हो रही हैं. इकरा चौधरी ने इस कानून को लेकर दायर याचिकाओं में उसका भी पक्ष सुने जाने की मांग की है.
चीफ जस्टिस संजीव खन्ना, जस्टिस संजय कुमार और जस्टिस के वी विश्वनाथन की बेंच करेगी सुनवाई. पिछली सुनवाई में सुप्रीम कोर्ट ने केंद्र सरकार को चार हफ्ते में जवाब दाखिल करने को कहा था. साथ ही मंदिर-मस्जिद विवाद में देश की दूसरी अदालतों में चल रहे मामलों में कोई फैसला सुनाने पर रोक लगा दी थी. इस मामले में कई याचिकाएं दाखिल हुई हैं. जिसमें विश्व भद्र पुजारी पुरोहित महासंघ, डॉक्टर सुब्रह्मण्यम स्वामी, अश्विनी उपाध्याय, ओवैसी, कांग्रेस पार्टी, सीपीएम, RJD,ज्ञानवापी मस्जिद कमेटी, मथुरा शाही ईदगाह कमेटी समेत जमीयत उलेमा हिंद की भी याचिका शामिल हैं. आपको बता दें कि एक पक्ष ने जहां इस एक्ट को रद्द करने की मांग की है वहीं जमीयत उलेमा ए हिंद, कांग्रेस, सीपीएम, ओवैसी RJD समेत कई पक्षों ने इसके समर्थन में याचिका दाखिल की है. प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 को हिंदू पक्ष ने 2020 में सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी है. जबकि इसके समर्थन में जमीयत उलेमा ए हिंद ने 2022 में सुप्रीम कोर्ट में याचिका दाखिल की है
SUPREME COURT PLACES OF WORSHIP ACT IKRU CHOUDHARY SAMAJWAADI PARTY TEMPLE-MOSQUE DISPUTE LEGAL CHALLENGES
इंडिया ताज़ा खबर, इंडिया मुख्य बातें
Similar News:आप इससे मिलती-जुलती खबरें भी पढ़ सकते हैं जिन्हें हमने अन्य समाचार स्रोतों से एकत्र किया है।
सुप्रीम कोर्ट में 1991 के प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट पर सुनवाई, कांग्रेस ने याचिका दायर कीसुप्रीम कोर्ट में 1991 के प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट (पूजा स्थल कानून) पर सुनवाई जारी है। कांग्रेस ने इस कानून को चुनौती देने वाली याचिकाओं के खिलाफ याचिका दायर की है। कांग्रेस का तर्क है कि यह कानून सेक्युलरिज्म की रक्षा के लिए जरूरी है। AIMIM चीफ असदुद्दीन ओवैसी ने भी इस कानून को लागू करने की मांग करते हुए याचिका दायर की है।
और पढो »
सुप्रीम कोर्ट में प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट-1991 का परीक्षण, कांग्रेस ने हस्तक्षेप याचिका दायर कीप्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट-1991 के कुछ प्रमुख प्रावधानों को सुप्रीम कोर्ट में चुनौती दी गई है. संभल में एक मस्जिद में मंदिर होने की बात को लेकर शुरू हुई हिंसा ने इस मामले का महत्व बढ़ा दिया है. कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में हस्तक्षेप याचिका दायर करते हुए प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट का बचाव किया है.
और पढो »
सुप्रीम कोर्ट में प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट-1991 पर चुनौतीसुप्रीम कोर्ट में प्लेसेज ऑफ वर्शिप एक्ट-1991 के कुछ प्रमुख प्रावधानों को चुनौती दी गई है. संभल में मस्जिद-मंदिर विवाद के बाद इस कानून का महत्व और बढ़ गया है. कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट में हस्तक्षेप याचिका दायर कर एक्ट का बचाव किया है और कहा है कि यह कानून भारत में धर्मनिरपेक्षता की रक्षा के लिए जरूरी है.
और पढो »
कांग्रेस ने सुप्रीम कोर्ट से प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट के खिलाफ मामलों में हस्तक्षेप की मांग कीभारतीय राष्ट्रीय कांग्रेस ने प्लेसेस ऑफ वर्शिप एक्ट 1991 के खिलाफ दायर मामलों में सुप्रीम कोर्ट से हस्तक्षेप की मांग की है। कांग्रेस का तर्क है कि अधिनियम धर्मनिरपेक्षता की रक्षा के लिए आवश्यक है और इसकी पारित होने की कानूनी वैधता का बचाव करना आवश्यक है।
और पढो »
महाकुंभ हादसा: सुप्रीम कोर्ट में जनहित याचिका दायर, VIP मूवमेंट सीमित रखने सहित की गईं कई मांगेंयह याचिका सुप्रीम कोर्ट में प्रैक्टिस करने वाले वकील विशाल तिवारी ने दाखिल की है। याचिकाकर्ता आज चीफ जस्टिस संजीव खन्ना की कोर्ट में जल्द सुनवाई की मांग कर सकते हैं।
और पढो »
दिल्ली चुनाव से पहले सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस का बड़ा दांव: क्या वर्शिप एक्ट पर याचिका से AAP को झटका लगेगा?दिल्ली विधानसभा चुनाव के करीब आने के साथ राजनीतिक दलों ने चुनावी तैयारी शुरू कर दी है. इस बीच सुप्रीम कोर्ट में कांग्रेस पार्टी ने वर्शिप एक्ट को लेकर एक याचिका दायर की है, जिसने राजनीतिक गलियारों में हलचल मचा दी है. यह याचिका दिल्ली के चुनाव परिणाम को प्रभावित करने की क्षमता रखती है. कांग्रेस का दावा है कि वर्शिप एक्ट से देश के सेक्युलर ढांचे को खतरा है और मुस्लिमों के साथ भेदभाव हो सकता है.
और पढो »