उत्तर प्रदेश का कन्नौज शहर इत्र के लिए कफी मशहूर है. यहां आपको न केवल फूलों से, बल्कि उन सभी चीजों से भी इत्र तैयार किए जाते हैं जिनमें खुशबू की संभावना होती है. कन्नौज में एक विशेष प्रकार का इत्र भी मिलता है, जिसे केसर से तैयार किया जाता है. इस इत्र की कीमत काफी ज्यादा होती है लेकिन इसकी खुशबू भी सबसे अनोखी होती है.
भारत में केसर की खेती मुख्य रूप से कश्मीर के पंपोर क्षेत्र में होती है. इसके अलावा, बडगाम और श्रीनगर में भी केसर की खेती की जाती है. केसर की खेती का समय अगस्त के महीने में होता है और इसके पौधों में फूल अक्टूबर के अंतिम सप्ताह या नवंबर की शुरुआत में खिलने लगते हैं. यहीं से इत्र व्यापारी इसकी खरीदारी शुरू करते हैं. इसके बाद, कन्नौज की प्राचीन डेग-भभका पद्धति से केसर का इत्र निकाला जाता है. केसर का इत्र न केवल लगाने के लिए बल्कि खाने में भी उपयोग होता है.
नेचुरल केसर का इत्र, जिसमें 25% तक केसर की पत्ती का उपयोग होता है, की कीमत 80 हजार रुपए से शुरू होती है और ग्राहक की मांग के आधार पर, इसमें जितनी अधिक पत्तियों का उपयोग किया जाएगा, उसकी कीमत उतनी ही बढ़ती जाती है. ये कीमत 28 लाख रुपए प्रति किलो तक पहुंच सकती है. इत्र व्यापारी निशिष तिवारी बताते हैं कि केसर का इत्र कई विशेष इत्रों में गिना जाता है. ये इत्र अपने आप में अद्वितीय होता है और इसकी कीमत पत्तियों के उपयोग के आधार पर तय होती है.
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