54,000 साल पहले निएंडरथालों के यूरोप में गए थे हमारे पूर्वज | DW | 10.02.2022

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54,000 साल पहले निएंडरथालों के यूरोप में गए थे हमारे पूर्वज | DW | 10.02.2022
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अब तक की खोज बताती हैं कि होमो सेपियन्स के यूरोप पहुंचने के पांच हजार साल में निएंडरथाल विलुप्त हो गए थे. Homosapiens Neanderthals

विज्ञान की भाषा में हम लोग आधुनिक इंसान हैं. अंग्रेजी में कहें, तो होमो सेपियन्स, जिनके पूर्वज अफ्रीका में रहते थे. दुनियाभर में हुई अब तक हुई पुरातात्विक खोजों में जो कुछ हाथ लगा है, उससे जानकार इस नतीजे पर पहुंचे हैं कि हमारे सबसे करीबी रिश्तेदार होमो निएंडरथल थे. ये यूरोप और पश्चिमी एशिया में रहते थे. असल में 6 लाख साल पहले अफ्रीका में रहनेवाले इंसानों का ही एक धड़ा यूरोप चला गया था, जो एक थोड़ी अलग प्रजाति में विकसित हो गया था.

अब से करीब 40 हजार साल पहले निएंडरथाल विलुप्त हो गए. ऐसा क्यों हुआ, इसके पीछे कई कयास लगाए जाते हैं. कुछ जानकार कहते हैं कि वे बड़ी आंखों की वजह से विलुप्त हो गए. कुछ कहते हैं कि वे खाने की कमी की वजह से खत्म हो गए. वहीं कुछ जानकारों का अनुमान है कि 45 हजार साल पहले जब हमारे पूर्वजों ने अफ्रीका से यूरोप का रुख किया, तो दोनों प्रजातियों के बीच हुए संघर्ष में आखिरकार निएंडरथाल कमजोर साबित हुए और धरती से खत्म हो गए.

अब 'साइंस एडवांसेस' में पुरातत्व से जुड़ी एक स्टडी छपी है. इसमें दावा किया गया है कि होमो सेपियन्स के यूरोप जाने के बारे में हम अब तक जो अनुमान लगाते आए हैं, वे उससे कहीं पहले निएंडरथालों के इलाके में दाखिल हो चुके थे. फ्रांस की तुलूस यूनिवर्सिटी के लूडोविक स्लिमक के नेतृत्व में पुरातत्वविदों और जीवाश्म विज्ञानियों ने एक नई खोज की है. इनकी खोज बताती है कि होमो सेपियन्स करीब 54 हजार साल पहले पश्चिमी यूरोप में आ चुके थे.

इस शोध की सबसे अहम खोज यह है कि इंसानों की ये दोनों प्रजातियां मैंडरिन गुफा में एक साथ भी मौजूद रही हैं. आज यह गुफा दक्षिणी फ्रांस के रोन इलाके में पड़ती है. इस इलाके में सबसे पहले 1990 में खुदाई की गई थी. पुरातात्विक खोजों के लिहाज से यह बड़ी अहम जगह है, क्योंकि इसमें परत दर परत इंसानों का 80 हजार साल पुराना अतीत दफ्न है.इस्राएल में खुदाई के दौरान कुछ ऐसे अवशेष मिले हैं जो एक ऐसी मानव प्रजाति के हैं जिसके बारे में आज तक कोई जानकारी नहीं थी.

साल 2016 में स्लिमक और उनकी टीम हार्वर्ड के पीबॉडी म्यूजियम गई थी. यहां वे अपनी खोजों की तुलना उन जीवाश्मों से करना चाहते थे, जो माउंट लेबनान के केसार अकिल में मिले थे. भूमध्य सागर के पूर्व में स्थित यह जगह होमो सेपियन्स का विस्तार समझने के लिहाज से बेहद अहम है. म्यूजियम में मौजूद जीवाश्मों के साथ अपनी खोजों की तुलना करने के बाद स्लिमक को यकीन हो गया कि मैंडरिन की गुफा में उन्हें जो चीजें मिलीं, वो यूरोप में होमो सेपियन्स की शुरुआती आमद की पुष्टि करती हैं.

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