Banda News: दिवाली के बाद गोवर्धन पूजा और भैया दूज के अवसर पर, खासकर बांदा और इसके आसपास के गांवों में यह अनूठा आयोजन होता है.
बांदा : यूपी का बुंदेलखंड एक ऐसा क्षेत्र जहां परंपराएं और संस्कृति आज भी जीवित हैं. यहां दिवाली के अवसर पर एक अनोखी परंपरा मनाई जाती है, जिसे ‘मौनिए दिवारी’ के नाम से जाना जाता है. यह परंपरा न केवल सांस्कृतिक धरोहर का हिस्सा है, बल्कि बुराई पर अच्छाई की जीत का प्रतीक भी मानी जाती है. जिसको देखने के लिए लोग दूर-दूर से आते हैं. बता दें कि दिवाली के बाद गोवर्धन पूजा और भैया दूज के अवसर पर खासकर बांदा और इसके आसपास के गांवों में यह अनूठा आयोजन होता है.
यह एक सामुदायिक उत्सव है, जहां लोग एकत्रित होकर शोर मचाते हैं और दिवारी नृत्य कर अपनी खुशी का इजहार करते हैं. दिवाली के दिन गांव के लोग एकत्र होते हैं और उत्साहपूर्वक इस परंपरा को निभाते हैं. पहले सुअर को एक निश्चित स्थान पर लाया जाता है, जहां गाय को राक्षसी शक्तियों के प्रतीक के रूप में प्रस्तुत किया जाता है. फिर ग्वालों के रूप में सजे युवक ढोल की थाप पर नाचने लगते हैं.
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