जुलाई के महीने में तेज बारिश और बाढ ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है. हाल के दिनों में फ्लड के कारण जान-माल का काफी नुकसान हुआ है. अब सवाल ये है कि क्या होती है फ्लैश फ्लड, क्यों आती है प्लैश फ्लड और फ्लैड फ्लड आने पर क्या करना चाहिए.
What is Flash Flood: जुलाई के महीने में तेज बारिश और बाढ ने लोगों की परेशानी बढ़ा दी है. लगभग समूचे उत्तर भारत में आसमानी आफत का सितम देखने को मिल रहा है. हालांकि सबसे ज्यादा मुश्किलें फ्लैश फ्लड के कारण उठानी पड़ रही है. हाल के दिनों में फ्लड के कारण जान-माल का काफी नुकसान हुआ है. मॉनसून के इस मौसम में कई जगहों से बादल फटने और फ्लैश फ्लड की खबरें सामने आ रही हैं. अब सवाल ये है कि क्या होती है फ्लैश फ्लड, क्यों आती है प्लैश फ्लड और फ्लैड फ्लड आने पर क्या करना चाहिए.
जुलाई के महीने में सैलाब का कहर देखने को मिल रहा है. पहाड़ दरक रहे हैं. नदिया उफना रही हैं. चारों तरफ पानी ही पानी नजर आ रहा है. कुदरत का ये प्रकोप पहाड़ से लेकर मैदान तक, उत्तर से लेकर दक्षिण तक और पूर्व से लेकर पश्चिम तक दिखाई दे रहा है. खासकर उत्तर भारत भारी बारिश और सैलाब की सबसे ज्यादा मार झेल रहा है. हिमाचल से लेकर उत्तराखंड तक पहाड टूटकर गिर रहे हैं, दहशत पैदा कर रहे हैं. यूपी के सीतापुर में इतनी तेजी से सैलाब आया कि पलक छपकते ही पूरा का पूरा मकान नदी में समा गया.
ऐसा ही कुछ अभी हाल ही में महाराष्ट्र के लोनावला में देखा गया था. भूशी बांध के पास पिकनिक मनाने गए एक ही परिवार के 5 लोग पानी में बह गए. रिपोर्ट के मुताबिक एक ही परिवार के 16 लोगों का ग्रुप बांध के पास घूमने आया था. भूशी बांध के पास झरने में मस्ती करते समय अचानक पानी का तेज बहाव आ गया और 10 रिश्तेदारों के सामने पूरा परिवार बह गया. बताया जा रहा है कि घटना स्थल पर अचानक तेज रफ्तार से पानी आने से ये हादसा हुआ.
वहीं, महाराष्ट्र के रायगढ़ के ऐतिहासिक रायगड फोर्ट के चित्ता दरवाजा और नाने दरवाजा की तरफ जाने वाली सीढ़ियों पर सैलाब के तांडव की दिल दहलाने वाली तस्वीरों को जिसने भी देखा कलेजा कांपने लगा. सैलाब में फंसे पर्यटकों का तो दिल दहल उठा. दरअसल सह्याद्रि पर्वत पर जोरदार बारिश के बाद पहाड़ों से हाहाकार मचाते हुए सैलाब निचले इलाकों में आया. जब सैलाब का पानी रायगड किले में घुसा, तो हर तरफ हाहाकार मच गया. ये बाढ़ का वो टाइप है, जो एकदम से आता है.
फ्लैश फ्लड का खतरा पहाड़ों पर ज्यादा होता है, क्योंकि ढलान वाले रास्ते होने की वजह से पानी तेजी से नीचे की ओर बहता है जो अपने साथ मिट्टी, कीचड़, पत्थरों समेत जो भी चीज सामने आती है उसे बहाकर ले जाता है, इसीलिए ऐसी जगहों पर पूरी तैयारी के साथ जाएं और जाने से पहले मौसम की जानकारी जरूर ले लें, नहीं तो छोटी सी भी लापरवाही जान पर भारी पड़ सकती है.
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