Magh Gupt Navratri 2025: अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 30 जनवरी 2025 से माघ गुप्त नवरात्रि की शुरुआत होने जा रही है जिसे इस साल के पहले नवरात्र कहा जाएगा. | धर्म-कर्म
Magh Gupt Navratri 2025 : अंग्रेजी कैलेंडर के अनुसार 30 जनवरी 2025 से माघ गुप्त नवरात्रि की शुरुआत होने जा रही है जिसे इस साल के पहले नवरात्र कहा जाएगा. हिंदू धर्म में एक साल में 4 नवरात्रि पर्व आते हैं, जिसमें से दो माघ और आषाढ़ के गुप्त नवरात्रि होते हैं और दो चैत्र और शारदीय नवरात्रि तिथि पड़ती हैं. हिंदू कैलेंडर के अनुसार, माघ माह के गुप्त नवरात्रि अंतिम नवरात्रि होते हैं और चैत्र माह की नवरात्रि तिथि से नए साल की शुरुआत मानी जाती है.
भुवनेश्वरी भुवनेश्वरी महाविद्या की बात करें को इनकी साधना करने वाले जातक को भौतिक और आध्यात्मिक समृद्धि पाने में मदद मिलती है. देवी भुवनेश्वरी से संसार के समस्त भौतिक सुख और मानसिक शांति प्राप्त होती है. 5. छिन्नमस्ता छिन्नमस्ता सिद्धि से ऊर्जा और बल मिलता है. छिन्नमस्ता की साधना करने वाला व्यक्ति आत्मबल, साहस और कठिन परिस्थितियों से लड़ने की शक्ति पाता है. यह भी पढ़ें: Magh Gupt Navratri 2025: शुरू होने वाले हैं माघ गुप्त नवरात्रि, जानें तिथि और घटस्थापना का शुभ मुहूर्त 6.
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माघ माह में शुरू होती है गुप्त नवरात्रिवाराणसी: हिन्दू कैलेंडर के एक साल में कुल चार बार नवरात्रि मनाई जाती है. इसमें 2 प्रत्यक्ष और 2 गुप्त नवरात्रि होती हैं. हर साल प्रकट नवरात्रि की तरह ही 2 बार गुप्त नवरात्रि भी मनाई जाती है. एक गुप्त नवरात्रि माघ माह में आती है तो दूसरी आषाढ़ माह में. गुप्त नवरात्रि के दौरान 10 महाविद्याओं की पूजा-अर्चना करने का विधान है. धार्मिक मान्यता कि गुप्त नवरात्रि के दौरान देवियों की पूजा गुप्त रूप से करने से सिद्धियों की प्राप्ति हो सकती है. गुप्त नवरात्रि की पूजा मुख्य रूप से अघोरियों और तांत्रिकों द्वारा की जाती है. माघ माह की गुप्त नवरात्रि हिन्दू कैलेंडर के अनुसार साल की अंतिम नवरात्रि है.वैदिक पंचांग के अनुसार, माघ नवरात्रि की शुरुआत माघ माह के शुक्ल पक्ष की प्रतिपदा तिथि से होती है. काशी के ज्योतिषाचार्य स्वामी कन्हैया महाराज ने बताया कि इस बार माघ शुक्ल पक्ष के प्रतिपदा तिथि 30 जनवरी को है. इस दिन से ही माघ महीने की गुप्त नवरात्रि शुरू हो रही है जो 7 फरवरी तक चलेगी. यह नवरात्रि गुप्त तरीके से मनाई जाती है .इसमें होने वाले पूजा अनुष्ठान भी गुप्त होते हैं. शत्रुओं पर विजय के लिए इस नवरात्रि में शक्ति की साधना की जाती है. 10 महाविद्याओं की होती है पूजा धार्मिक मान्यताओं के अनुसार माघ महीने में पड़ने वाली गुप्त नवरात्रि में माता दुर्गा की 10 महाविद्याओं की पूजा गुप्त तरीके से की जाती है. तंत्र-मंत्र की सिद्धियों के लिए भी यह 9 दिन बेहद खास माना है. इस गुप्त नवरात्रि में माता दुर्गा की पूजा और साधना से मनुष्य के सभी कष्टों का नाश हो जाता है. कलश स्थापना का शुभ मुहूर्त गुप्त नवरात्रि 30 जनवरी गुरुवार से शुरू हो रही है. नवरात्रि के पहले दिन देवी के स्तुति के लिए घटस्थापना किया जाता है. स्थापना का शुभ मुहूर्त प्रातः 7 बजकर 15 मिनट से 9 बजकर 54 मिनट तक है. इसके अलावा अभिजीत मुहूर्त में भी इस दिन घटस्थापना किया जा सकता है. 30 जनवरी को सुबह 11 बजकर 40 मिनट से अभिजीत मुहूर्त की शुरुआत होगी.
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