Political Funding: सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड बंद किया तो राजनीतिक चंदे का क्या हुआ? जान लीजिए पूरी बात

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Political Funding: सुप्रीम कोर्ट ने इलेक्टोरल बॉन्ड बंद किया तो राजनीतिक चंदे का क्या हुआ? जान लीजिए पूरी बात
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पिछले वित्त वर्ष में उच्चतम न्यायालय द्वारा चुनावी बॉन्ड योजना समाप्त करने के बाद इलेक्टोरल ट्रस्टों के माध्यम से राजनीतिक दलों को चंदा दिए जाने के चलन में वृद्धि हुई। सबसे अधिक योगदान प्रूडेंट इलेक्टोरल ट्रस्ट को मिला। इसमें से ज्यादातर चंदा भाजपा को गया। अन्य योगदान कांग्रेस, बीआरएस और वाईएसआर कांग्रेस को...

नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने पिछले साल चुनावी बॉन्ड को असंवैधानिक बताते हुए इस पर रोक लगा दी। तो क्या राजनीतिक दलों को चंदे आने बंद हो गए या मिले तो फिर कैसे? जवाब है- बंद तो नहीं हुए, बस रास्ता बदल गया। अब चुनावी न्यासों के जरिए चंदे दिए जा रहे हैं। न्यूज वेबसाइट इंडियन एक्सप्रेस ने निर्वाचन आयोग की रिपोर्ट के हवाले से खबर दी है कि इलेक्टोरल बॉन्ड पर रोक लगने के बाद राजनीतिक दलों को चंदा पहुंचाने का काम इलेक्टोरल ट्रस्ट की तरफ शिफ्ट हो गया। सर्वोच्च न्यायलय ने 15 फरवरी, 2024 को चुनावी बॉन्ड...

5 करोड़ के साथ डीएलएफ दूसरे, 75 करोड़ रुपये के साथ माथा प्रॉजेक्ट्स तीसरे, 60-60 करोड़ रुपये के साथ मारुति सुजुकी और CESC संयुक्त रूप से तीसरे नंबर पर हैं। इस ट्रस्ट के जरिये सबसे ज्यादा 723.8 करोड़ रुपये का चंदा भारतीय जनता पार्टी को मिला। इसके बाद कांग्रेस को 156.35 करोड़ रुपये, भारत राष्ट्र समिति को 85 करोड़ रुपये और YSR कांग्रेस को 72.5 करोड़ रुपये मिले।ट्रायम्फ इलेक्टोरल ट्रस्ट के माध्यम से 132.5 करोड़ रुपये का चंदा आया। रिपोर्ट के अनुसार, ट्रस्ट के माध्यम से दिए गए कुल 132.

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