महाकुंभ के पहले अमृत स्नान में नागा साधुओं ने 21 शृंगार के साथ अमृत स्नान किया। साधुओं ने महादेव को प्रसन्न करने के लिए 21 शृंगार के साथ ही संगम में अमृत स्नान की डुबकी लगाई। इस दौरान किन्नर अखाड़ा भी अमृत स्नान में शामिल हुआ और समाज कल्याण के लिए विशेष प्रार्थना की। ओम नम: शिवाय संस्था महाकुंभ के सात सेक्टरों में श्रद्धालुओं को 24 घंटे निशुल्क भोजन करा रही है।
महा कुंभ मेले में नागा साधु ओं ने 21 शृंगार के साथ अमृत स्नान किया। नागा साधु ओं ने प्राचीन परंपरा के अनुसार शरीर पर भस्म लगाने के बाद चंदन, पांव में चांदी के कड़े, पंचकेश यानी जटा को पांच बार घुमाकर सिर में लपेटा, रोली का लेप, अंगूठी, फूलों की माला, हाथों में चिमटा, डमरू, कमंडल, माथे पर तिलक, आंखों में सूरमा, लंगोट, हाथों व पैरों में कड़ा और गले में रुद्राक्ष की माला धारण करने के बाद त्रिवेणी के तट पर प्रस्थान किया। इस शृंगार का मतलब दिखावा नहीं है बल्कि यह मन और वचन का भी शृंगार है।
महादेव को प्रसन्न करने के लिए 21 शृंगार के साथ ही नागा साधुओं ने संगम में अमृत स्नान की डुबकी लगाई। साथ ही किन्नर अखाड़ा भी अमृत स्नान में शामिल हुआ और समाज कल्याण के लिए विशेष प्रार्थना की। ओम नम: शिवाय संस्था महाकुंभ के सात सेक्टरों में श्रद्धालुओं को 24 घंटे निशुल्क भोजन करा रही है
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