पूर्व IPS अधिकारी को NDPS एक्ट में SC ने दी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट की निंदा की

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पूर्व IPS अधिकारी को NDPS एक्ट में SC ने दी राहत, सुप्रीम कोर्ट ने ट्रायल कोर्ट की निंदा की
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सुप्रीम कोर्ट ने प्राकृतिक न्याय और निष्पक्ष सुनवाई के मूलभूत सिद्धांतों को बताते हुए मादक पदार्थ मामले में तीन व्यक्तियों को कथित रूप से गलत तरीके से फंसाने से संबंधित एक मामले में हरियाणा की एक पूर्व महिला IPS अधिकारी के खिलाफ मुकदमे को रद्द किया.

सुप्रीम कोर्ट ने हरियाणा की पूर्व IPS को बड़ी राहत दी है. महिला अफसर को फंसाने के लिए निचली अदालत के जज पर उठाए भी SC ने सवाल खड़े किए हैं. मादक पदार्थ मामले में तीन लोगों को झूठा फंसाने के आरोप भी रद्द किए गए हैं. ⁠SC ने कहा कि स्पेशल जज ने प्राकृतिक न्याय और निष्पक्ष सुनवाई के मूलभूत सिद्धांतों का पालन नहीं किया.

⁠पीठ ने कहा कि इस तरह की कार्रवाई प्राकृतिक न्याय के सिद्धांतों से पूरी तरह से अलग है.⁠पीठ ने जोर देकर कहा कि अरोड़ा के खिलाफ प्रतिकूल निष्कर्ष दर्ज किए जाने से पहले उन्हें कोई नोटिस या सुनवाई का अवसर नहीं दिया गया. विद्वान स्पेशल जज ने उन्हें नोटिस दिए बिना ही, मामले की अंतिम सुनवाई के चरण में दिए गए तर्कों के आधार पर, उन्हें एनडीपीएस अधिनियम की धारा 58 के तहत दंडनीय अपराध का लगभग दोषी पाते हुए उनके खिलाफ प्रतिकूल टिप्पणियां की.

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