कुमाऊं क्षेत्र में अल्मोड़ा और हल्द्वानी को जोड़ने वाले अहम राजमार्ग का एक हिस्सा धंस रहा है, वाहनों के गिरने का खतरा बना हुआ है। सुरक्षा के मद्देनजर 17 फरवरी तक रात के समय यातायात पर प्रतिबंध लगा दिया गया है।
उत्तराखंड के कुमाऊं क्षेत्र में अल्मोड़ा और हल्द्वानी को जोड़ने वाले महत्वपूर्ण राजमार्ग का एक 30 मीटर का हिस्सा लगातार धंस रहा है। यह धंसाव वाहनों के नदी में गिरने का खतरा पैदा कर रहा है। सुरक्षा चिंताओं के कारण, 17 फरवरी तक रात के समय यातायात पर प्रतिबंध लगा दिया गया है। आदेश के अनुसार, रात 10 बजे से सुबह 6 बजे के बीच सड़क पर वाहनों की आवाजाही प्रतिबंधित रहेगी। अल्मोड़ा आपदा प्रबंधन अधिकारी विनीत पाल ने बताया कि धंसती सड़क के अलावा, ऊपरी पहाड़ियों से गिरते पत्थर और मलबे ने स्थिति को और भी
खराब कर दिया है। अस्थिर इलाके को देखते हुए, दुर्घटनाओं को रोकने और यात्रियों की सुरक्षा सुनिश्चित करने के लिए रात में यातायात की आवाजाही को पूरी तरह से रोकने का फैसला किया गया है। इसमें सभी जेसीबी संचालन को रोकना भी शामिल है।राष्ट्रीय राजमार्ग पर यात्रा करने वाले लोगों का कहना है कि उन्हें रोड ब्लॉक और अप्रत्याशित लैंडस्लाइड के कारण कठिनाइयों का सामना करना पड़ रहा है। बागेश्वर और हल्द्वानी के बीच अक्सर यात्रा करने वाली पैसेंजर प्रेमा परिहार ने कहा कि क्वारब के पास लगातार ट्रैफिक जाम रहता है। हमें नहीं पता कि कब मलबा गिर जाएगा। ऐसा लगता है कि सरकार किसी बड़ी दुर्घटना के बाद ही जागेगी। क्वारब क्षेत्र के पास भूस्खलन के बाद बंद किए गए हाइवे को 6 जनवरी को फिर से खोल दिया गया था। इसे खतरनाक क्षेत्र के रूप में चिह्नित किया गया था। बारिश के कारण सड़क का एक हिस्सा सुयाल नदी में डूब गया था, जिससे वाहनों की आवाजाही रुक गई थी। 27 दिसंबर को हुआ था बंद हाइवे को शुरू में 27 दिसंबर को बंद कर दिया गया था। दरअसल, एक बड़े भूस्खलन के कारण हाइवे पर केवल दो मीटर चौड़ा हिस्सा ही बचा था, जिससे यात्रा बेहद खतरनाक हो गई थी। हाइवे बंद होने से हल्द्वानी से अल्मोड़ा, बागेश्वर और पिथौरागढ़ जैसे प्रमुख शहरों का संपर्क बुरी तरह बाधित हो गया था। इससे स्थानीय निवासियों और पर्यटकों को काफी असुविधा हुई थी। राष्ट्रीय राजमार्ग अधिकारियों और भूवैज्ञानिकों की ओर से किए गए एक संयुक्त निरीक्षण ने संकेत दिया था कि पहाड़ी खतरनाक रूप से अस्थिर हो गई थी। हालाँकि, अब एक बार फिर रात के समय हाइवे को बंद कर किसी बड़ी दुर्घटना से बचाव के लिए एहतियाती कदम उठाए गए हैं
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