Supreme Court News: सुप्रीम कोर्ट ने गुरुवार को उस जनहित याचिका की सुनवाई से इनकार कर दिया, जिसमें सार्वजनिक हस्तियों की ओर से दिए गए भड़काऊ भाषणों के खिलाफ तत्काल हस्तक्षेप की मांग की गई थी। याचिका में आरोप लगाया गया था कि ये बयान राष्ट्रीय एकता, सुरक्षा को खतरे में डालते हैं और विभाजनकारी विचारधाराओं को बढ़ावा देते...
नई दिल्ली: सुप्रीम कोर्ट ने राजनीतिक नेताओं को उत्तेजक भाषण देने से रोकने के लिए गाइडलाइंस जारी करने की गुहार वाली अर्जी खारिज कर दी। कोर्ट ने कहा कि गलतबयानी या झूठे दावे के मामले से हेट स्पीच की तुलना नहीं की जा सकती है। इनमें अंतर है। अदालत ने याची से कहा कि आपने यह नहीं समझा कि हेट स्पीच क्या है। आप मुद्दे से अलग हो गए हैं। अर्जी में हेट स्पीच के अपराध को गलत तरीके से पेश किया गया है। अगर कोई शिकायत है, तो आप कानून के अनुसार इस मामले को उठा सकते हैं।'नफरत फैलाने वाले भाषणों और गलतबयानी...
गुण-दोष पर टिप्पणी नहीं कर रही है। जनहित याचिका में कोर्ट से भड़काऊ भाषणों को रोकने के लिए दिशानिर्देश तैयार करने, सार्वजनिक व्यवस्था और राष्ट्र की संप्रभुता को खतरे में डालने वाले बयान देने वाले व्यक्तियों के खिलाफ दंडात्मक कार्रवाई अनिवार्य करने का निर्देश देने का आग्रह किया गया था। याचिकाकर्ता की ओर से पेश अधिवक्ता कुंवर आदित्य सिंह और स्वतंत्र राय ने कहा कि नेताओं की टिप्पणियां अक्सर उकसावे वाली होती हैं, जिससे संभावित रूप से सार्वजनिक अशांति फैल सकती है। Hate Speech Case : मुस्लिम नेता हों...
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