चायपत्ती से बनी खाद गुलाब के पौधों के लिए एक किफायती और प्रभावी विकल्प है। यह खाद पौधों को जरूरी पोषक तत्व प्रदान करती है, जिससे वे तेजी से बढ़ते हैं और अधिक फूल देते हैं।
गोंडा: गुलाब के पौधों की सुंदरता और खुशबू हर किसी को आकर्षित करती है। लेकिन, फूलों की भरपूर और नियमित फूलों के लिए पौधों को सही पोषण और देखभाल की आवश्यकता होती है। अगर आप अपने गुलाब के पौधों में अधिक फूल चाहते हैं, तो चायपत्ती से बनी खाद एक बेहतरीन विकल्प हो सकती है। यह न केवल सस्ता और आसान है, बल्कि पूरी तरह से जैविक भी है, जिससे पौधों को कोई नुकसान नहीं पहुंचता। स्थानीय कृषि वैज्ञानिक डॉ.
अवनीश मिश्रा बताते हैं कि चायपत्ती, जिसे हम चाय बनाने के लिए इस्तेमाल करते हैं, को फेंकने के बजाय इकट्ठा कर पानी से थोड़ा छिड़ककर खाद में परिवर्तित किया जा सकता है। चायपत्ती से बनी खाद का इस्तेमाल करके किसान गुलाब की खेती में अच्छा लाभ उठा सकते हैं। गुलाब के पौधों की अच्छी वृद्धि और फूलों की अधिकता के लिए जैविक खाद बेहद फायदेमंद होता है। चायपत्ती से बनी खाद एक किफायती और प्रभावी तरीका है, जिससे गुलाब के पौधों को जरूरी पोषक तत्व मिलते हैं।चायपत्ती से खाद बनाने के लिए, इस्तेमाल की गई चायपत्ती को अलग रखकर छाया में सुखा लें ताकि उसमें फफूंद न लगे। इसके बाद, हल्का पानी छिड़ककर इसे 10-15 दिनों तक प्राकृतिक रूप से सड़ने दें। जब यह पूरी तरह खाद में परिवर्तित हो जाए, तो इसे सीधे गुलाब के पौधों की मिट्टी में मिलाया जा सकता है या गमलों में डाला जा सकता है। डॉ. मिश्रा बताते हैं कि चायपत्ती की खाद में नाइट्रोजन, पोटैशियम और फॉस्फोरस जैसे पोषक तत्व होते हैं, जो गुलाब के पौधों की वृद्धि में सहायक होते हैं। यह मिट्टी की उर्वरता बढ़ाने और जल धारण क्षमता सुधारने में मदद करता है। जैविक खाद होने के कारण यह रासायनिक खादों के हानिकारक प्रभावों से बचाव करता है। इसके उपयोग से पौधों की जड़ें मजबूत बनती हैं और फूलों की संख्या बढ़ती है। अगर आप जैविक तरीके से गुलाब की खेती करना चाहते हैं, तो चायपत्ती से बनी खाद एक अच्छा विकल्प हो सकता है
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