किसान धान की फसल के साथ ही रबी की फसल की भी तैयारी करने लगे हैं. जिन किसानों के खेत ऊंचाई पर हैं या पानी की समस्या है. वह अपनी जमीन को खाली छोड़ दे रहे हैं. जिसमें वह रबी की फसल गेहूं, आलू, सरसों की अगेती बुवाई कर सकें. इतना ही नहीं जिन क्षेत्रों में जल जमाव या बाढ़ की वजह से फसल नष्ट हो जाती है.
खाली पड़ी जमीन या फिर जल जमाव, बाढ़ में खराब हुई फसल से खाली हुए खेत पर किसान ढैंचा की फसल उगाकर अच्छा मुनाफा कमा सकते हैं. इससे किसानों को दोहरा फायदा होगा. पहले तो फसलों को हरित खाद मिल जाएगी. जिससे मिट्टी की उर्वरा शक्ति बढ़ेगी, दूसरा फसल में रोग लगने का खतरा भी कम हो जाएगा. ढैंचा की फसल खेत के लिए संजीवनी बूटी का काम करता है. ढैंचा का बीज किसान अपने नजदीकी राजकीय कृषि केंद्र से खरीद सकते हैं. यह बीज किसानों को 50% अनुदान पर सरकार उपलब्ध करा रही है. यह अनुदान उन्हें तुरंत मिल जाता है.
जिसका लाभ आगे बुवाई करने वाली फसल को मिलता है. उन्होंने बताया कार्बनिक तत्व मिट्टी की आत्मा माने जाते हैं. मृदा में ऑर्गेनिक रूप से कार्बनिक तत्वों की मात्रा बढ़ाने के लिए ढैंचा एकमात्र उपाय है. यह मृदा की उर्वरा शक्ति बढ़ाने के साथ ही मृदा में जलधारा शक्ति को भी बढ़ाने में कारगर होता है. 1 हेक्टेयर खेत में ढैंचा के बीज की बुवाई के लिए 60 से 80 किलोग्राम की जरूरत पड़ती है. इसकी बुवाई के लगभग 6 से 8 सप्ताह बाद पौधे में फूल आने लगते हैं. फूल आने से पहले ही इसकी पलटाई कर दें.
Benefits Of Dhencha Cultivation When To Do Dhencha Cultivation How To Do Dhencha Cultivation.
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