40 साल बाद भोपाल गैस कांड के लिए जिम्मेदार यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री का 377 मीट्रिक टन जहरीला कचरा बुधवार को भोपाल से पीथमपुर रवाना कर दिया गया है. पुलिस के भारी सुरक्षा के बीच 12 कंटेनरों में लादा गया कचरा रात भर में पीथमपुर पहुंचेगा और वहां सेफ डिसपोज होगा.
शिवकांत आचार्य भोपाल. सबसे बड़ी त्रासदी भोपाल गैस कांड के लिए जिम्मेदार यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री का 377 मीट्रिक टन जहरीला कचरा 40 साल बाद बुधवार को भोपाल से पीथमपुर रवाना कर दिया गया है. बीते 4 दिनों से इसे कंटेनरों में लादने के लिए मशक्त की जा रही थी और बुधवार रात करीब 9 बजे इन्हें 12 कंटेनर ट्रकों में लादकर पुलिस के भारी सुरक्षा के बीच भोपाल से बाहर किया गया है. इसके लिए सुरक्षा के तमाम उपाय किए गए हैं. पुलिस वाहनों के साथ ग्रीन कॉरिडोर बनाते हुए इसे शहर से बाहर किया गया है.
यह रात रात ही पीथमपुर पहुंच जाएगा और फिर इसका सेफ डिस्पोज होगा. बताया जा रहा है कि 1 कंटेनर में औसतन 30 टन कचरा है. इसके लिए 200 से अधिक मजदूरों काे सुरक्षा के साथ लगाया गया था. यहां की हर प्रक्रिया की वीडियोग्राफी कराई गई है. यह जहरीला कचरा उसी यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री का है जहां से लीक हुई जहरीली गैस ने दस हजार लोगों से जिंदगी छीन ली थी. उस भयावह रात का मंजर याद करते आज भी लोग सहम जाते हैं. जिन लोगों ने इस त्रासदी में अपनों को खो दिया है, वे आज भी जो मंजर भूल नहीं पाए हैं. उस रात न केवल हजारों लोग, बल्कि हजारों जानवर और पक्षी भी इसी जहरीली गैस के कारण अकाल मर गए थे. इसके बाद लगातार लोगों की मौतें होती रहीं. गैस से प्रभावित परिवारों की दूसरी पीढ़ी पर भी असर देखा गया है
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