भोपाल गैस त्रासदी के 40 साल बाद, कचरा निपटान की प्रक्रिया शुरू

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भोपाल गैस त्रासदी के 40 साल बाद, कचरा निपटान की प्रक्रिया शुरू
भोपाल गैस त्रासदीकचरा निपटानयूनियन कार्बाइड फैक्ट्री
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भोपाल गैस त्रासदी के 40 साल बाद, यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री में दबे हुए 377 मीट्रिक टन जहरीले कचरे को खत्म करने की प्रक्रिया शुरू हो गई है। कचरा मध्य प्रदेश के भोपाल से 250 किलोमीटर दूर इंदौर के पीथमपुरा में जलाया जाएगा। मध्य प्रदेश सरकार हाई कोर्ट की फटकार के बाद ये एक्शन लिया है।

भोपाल में हुई ग्रैस त्रासदी को 40 साल हो चुके हैं. इतने सालों बाद अब यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री में दबे कचरे को खत्म करने की प्रक्रिया शुरू हो चुकी है. 377 मीट्रिक टन कचरा मध्य प्रदेश के भोपाल से 250 किलोमीटर दूर जलाने की तैयारी है. प्लान के मुताबिक इंदौर के पीथमपुरा में इसे डिस्पोज किया जाएगा. मध्य प्रदेश सरकार ने हाई कोर्ट की फटकार के बाद ये एक्शन लिया है. एक सप्ताह पहले ही MP हाईकोर्ट ने सरकार को फटकार लगाई थी. कोर्ट ने भोपाल में फैक्ट्री साइट से कचरा न हटाए जाने पर सवाल उठाए थे.

लेकिन अगर जलने की गति धीमी रही तो इसमें 9 महीने तक लग सकते हैं. कचरा जलाने वाली 'भट्टी' से निकलने वाले धुएं को 4 लेयर फिल्टर्स से गुजारा जाएगा ताकि आसपास की हवा प्रदूषित न हो. इस प्रोसेस का हर पल रिकार्ड रखा जाएगा.'डबल लेयर के अंदर किया जाएगा डिस्पोजस्वतंत्र कुमार सिंह के मुताबिक,'एक बार जब कचरे को जला दिया जाएगा और हानिकारक तत्वों से मुक्त कर दिया जाएगा तो राख को दो-परत वाली मजबूत 'झिल्ली' से ढक दिया जाएगा और 'लैंडफिल' में दफना दिया जाएगा.

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भोपाल गैस त्रासदी कचरा निपटान यूनियन कार्बाइड फैक्ट्री इंदौर पीथमपुरा

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