52 साल की ममता कुलकर्णी ने बॉलीवुड को अलविदा कह दिया है और संन्यासी बनने का फैसला किया है. वह अब किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर बनने जा रही हैं. ममता ने 24 जनवरी की शाम संगम पर पिंडदान किया और इस नए रास्ते की शुरुआत की. उन्हें अब यमाई ममता नंद गिरि के नाम से जाना जाएगा.
52 साल की ममता कुलकर्णी एक बार फिर चर्चा में हैं. उन्होंने बड़ा फैसला लेते हुए बॉलीवुड को अलविदा कह दिया है और संन्यासी बनने का फैसला लिया है. वह अब किन्नर अखाड़े की महामंडलेश्वर बनने जा रही हैं.Weird Tribes: शव को न जलाना, न दफनाना, न ही बहाना...
पिंडदान करने के बाद ममता कुलकर्णी ने मीडिया से भी बातचीत की. उन्होंने कहा कि आज का दिन गुरुओं ने चुना. मैंने कुछ नहीं किया. ये सब ऊपरवाले की कृपा है. महादेव और महाकाली का आदेश था.| Mamta Kulkarni says,"...This was the order of Mahadev, Maha Kaali. This was the order of my Guru. They chose this day. I didn't do anything."
महामंडलेश्वर का पद न सिर्फ बड़ा बल्कि बड़ी जिम्मेदारी से भरा होता है. इसे बनने के लिए शास्त्री और आचार्य बनना होता है. जब महामंडलेश्वर का चयन होता है तो उन्हें संत की दीक्षा दी जाती है. उन्हें संन्यासी जीवन जीना होता है. ये प्रक्रिया काफी कठिन होती है. उनका पिंडदान उन्हीं के द्वारा कराया जाता है.
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