महामना मदन मोहन मालवीय द्वारा स्थापित बीएचयू का इतिहास

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महामना मदन मोहन मालवीय द्वारा स्थापित बीएचयू का इतिहास
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बीएचयू की स्थापना के लिए महामना पंडित मदन मोहन मालवीय को 1 करोड़ रुपए और जमीन की आवश्यकता थी। राजा से लेकर रंक तक ने सहयोग किया था। इस यूनिवर्सिटी की नींव दान के हर छोटे बड़े पैसों से रखी गई थी। महामना इस यूनिवर्सिटी को शिक्षा के मंदिर के तौर पर डेवलप करना चाहते थे।

उस वक्त देश में अंग्रेजी हुकूमतों का राज था. यूनिवर्सिटी की स्थापना के लिए महामना पंडित मदन मोहन मालवीय को 1 करोड़ रुपए की जरूरत थी. इसके अलावा उन्हें जमीन भी चाहिए था. इस यूनिवर्सिटी की स्थापना के कई दिलचस्प किस्से है. बीएचयू के प्रोफेसर प्रवीण सिंह राणा ने बताया कि इस हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना के लिए राजा से लेकर रंक तक ने उस समय सहयोग किया था. देश के कई अलग-अलग जगहों के राजाओं के अलावा महामना पंडित मदन मोहन मालवीय को इस यूनिवर्सिटी की स्थापना के लिए भिखारी और आम लोगों ने भी दान दिया था.

महामना इस यूनिवर्सिटी को शिक्षा के मंदिर के तौर पर डेवलप करना चाहते थे. इस लिए यहां उन्होंने जिस भी संकाय का निर्माण कराया उसका स्ट्रचर मंदिर के आकृति का बनाया. ताकि यहां शिक्षा लेने वालों में हिंदुत्व की भावना जागृत हो सकें. इसके अलावा इस यूनिवर्सिटी में इंजीनियरिंग के लिए भी अलग संस्थान को बनाया गया. इस यूनिवर्सिटी की स्थापना तो महामना पंडित मदन मोहन मालवीय ने की थी, लेकिन डॉ एनी बेसेंट, महात्मा गांधी जैसे कई हस्तियों ने इसमे अहम भूमिका निभाई थी.

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बीएचयू मदन मोहन मालवीय शिक्षा स्थापना इतिहास

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