मोदी सरकार ने नो डिटेंशन पॉलिसी से हटाया पांचवीं और आठवीं कक्षा में

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मोदी सरकार ने नो डिटेंशन पॉलिसी से हटाया पांचवीं और आठवीं कक्षा में
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केंद्र सरकार ने पांचवीं और आठवीं कक्षा में नो डिटेंशन पॉलिसी से हटा दिया है। अब इन कक्षाओं में पढ़ने वाले छात्रों को परीक्षा में असफल होने पर फेल किया जा सकता है। केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के सचिव संजय कुमार ने कहा कि यह फैसला बच्चों में सीखने के परिणाम में सुधार लाने के उद्देश्य से लिया गया है।

उत्तर प्रदेश समेत कुछ राज्य अभी तक नो डिटेंशन पॉलिसी का पालन कर रहे हैं.जुलाई 2018 में तत्कालीन मानव संसाधन विकास मंत्री प्रकाश जावड़ेकर लोकसभा में शिक्षा का अधिनियम, 2009 के संशोधन पर अपनी बात रख रहे थे.

सोमवार को इस फ़ैसले के बारे में जानकारी देते हुए केंद्रीय शिक्षा मंत्रालय के सचिव संजय कुमार ने कहा कि केंद्र सरकार ने बच्चों में सीखने के परिणाम में सुधार लाने के इरादे से यह फै़सला लिया है. शिक्षा का अधिकार अधिनियम, 2009 छह से 14 साल के बच्चे के लिए शिक्षा को मौलिक अधिकार बनाता है और इसके सेक्शन 16 में नो डिटेंशन पॉलिसी का विस्तार से ज़िक्र है.

वहीं आंध्र प्रदेश, महाराष्ट्र, ओडिशा, तेलंगाना, उत्तर प्रदेश, छत्तीसगढ़, कर्नाटक, केरल और मणिपुर जैसे राज्यों में अभी नो डिटेंशन पॉलिसी लागू है. नियमों में स्पष्ट किया गया है कि प्रारंभिक शिक्षा पूरी होने तक किसी भी बच्चे को निष्कासित नहीं किया जाएगा.कोटा में ख़ाली हॉस्टल और गिरती चमक, क्या उखड़ रहे हैं कोचिंग इंडस्ट्री के पांव?- ग्राउंड रिपोर्टशिक्षा के अधिकार अधिनियम, 2009 का असर स्कूली छात्रों के एडमिशन में और पढ़ने-लिखने की क्षमता पर देखा जा सकता है. बच्चों के एडमिशन के साथ बुनियादी पढ़ने और गणित समझने की क्षमता से संबंधित सर्वे है. यह सर्वे देश के लगभग हर ज़िले में एक स्थानीय संस्था के वॉलिंटियर्स के द्वारा किया जाता है.

2008 में कक्षा 5 के 56 प्रतिशत छात्र कक्षा दो की किताब पढ़ सकते थे और 2010 में 53.4 फ़ीसद छात्र ऐसा कर पाए लेकिन उसके बाद के सालों में इस आंकड़े तक दोबारा नहीं पहुंचा जा सका.अगर कक्षा 8 के छात्रों के लिए सीखने के आंकड़े देखें तो इसमें और भी गिरावट देखने को मिलती है. एक आरटीआई के जवाब में दिल्ली सरकार के शिक्षा निदेशालय ने बताया था कि कुल 2.34 लाख छात्रों ने कक्षा आठ की परीक्षा दी थी और इनमें से 46,662 छात्रों को उसी क्लास में रोक दिया गया था.

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नो डिटेंशन पॉलिसी शिक्षा मंत्रालय स्कूल छात्र सरकार

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