महाकुंभ मेले के साथ मौनी अमावस्या का संगम 29 जनवरी 2025 को होगा। इस दिन गंगा स्नान और मौन व्रत से पापों का नाश होता है और मानसिक शांति मिलती है। पितरों का तर्पण करने से पितृ दोष समाप्त होते हैं। यह दिन आध्यात्मिक शांति और सकारात्मक बदलाव लाता है।
महाकुंभ मेले के साथ साथ मौनी अमावस्या का आना, यह एक बहुत बड़ा शुभ अवसर है। क्योंकि मौनी अमावस्या के दिन गंगा नदी मे स्नान करने से मनुष्य के सभी पाप नष्ट हो जाते है और इस साल महाकुंभ मेले का योग भी सरस्वती-यमुना-गंगा नदी के संगम पर, यानि प्रयागराज मे हो रहा है, इसीलिए यह बहुत दिव्य अवसर है। यह त्योहार माघ मास की अमावस्या को आता है, इसलिए इसे माघी अमावस्या भी कहते है। इस साल यह योग 29 जनवरी 2025 को आएगा। इसी दिन को गंगा नदी में स्नान के साथ दान-धर्म जैसे पुण्य कार्य करना भी शुभ होता है। हमारे...
में आसानी होती है। जिससे मनुष्य को कठिनाइयों का सामना करने की शक्ति प्राप्त होती है और निर्णय लेने में सफलता प्राप्त होती है। मौन व्रत से मनुष्य के जीवन में कई सारे सकारात्मक बदलाव होते है। जब भी मन शांत होता है तब हम ईश्वर के साथ गहरे और अधिक दिव्य तरीके से जुड़ जाते हैं, यही कारण है कि यह दिन इतना महत्वपूर्ण है, और जब यह महत्वपूर्ण दिन महाकुंभ के दौरान आता है तो इस दिन का महत्व और भी बढ़ जाता है। मौनी अमावस्या के दिन पितरों का तर्पण करना भी शुभ होता है। जिससे मनुष्य के पितृ दोष नष्ट हो जाते...
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