धान का सीजन चल रहा है. ऐसे में किसान अपने-अपने खेतों में धान की बुवाई कर रहे हैं और बहुत से किसान अपने खेतों में धान बो चुके हैं. लेकिन पाठा क्षेत्र के कुछ किसानों की धान की फसल सूखने भी लगी है. इसका मुख्य कारण यह भी है कि किसानों को सही समय पर धान में लगाने के लिए पानी नहीं मिल पा रहा है, जिससे किसान अब काफी चिंचित भी नजर आ रहे हैं.
चित्रकूट जिले के मानिकपुर तहसील क्षेत्र के अगरहुंडा गांव की जहां विद्युत की समस्या के चलते गांव के किसान अब धान की फसल को लेकर काफी चिंतित नजर आ रहे हैं. उन्होंने कहा कि गांव में लाइट की समस्या इतनी बनी हुई है. उनके खेतों में लगे ट्यूबवेल अब नहीं चल पा रहे हैं. जिससे उनके धान की फसल सिंचाई न होने के कारण सूखने लगी है. जिसमें किसानों के सामने आगे चलकर रोजी-रोटी का भी संकट खड़ा हो सकता है.
लेकिन पानी की समस्या कारण उनकी धान की फसल सूख रही है. जिससे वह भी अब चिंचित नजर आ रहे हैं. किसानों का मानना है कि 24 घंटे में 8 से 9 घंटे लाइट रहती है. लेकिन उसके बीच में भी फाल्ट के नाम से विद्युत सप्लाई को काट लिया जाता है. उनका कहना है कि पानी न मिलने कारण धान की फसल इतनी पीछे हो गई है कि अब अगली फसल करने के लिए किसान को सोचना भी पड़ेगा. उनका कहना है कि अगर धान की खेती अच्छे से ना हो पाई तो मजबूरी में उनको रोजी-रोटी के लिए अन्य प्रदेशों में कमाने जाना पड़ेगा.
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